आँखों की कमजोरी के लक्षण – आँखों के रोग की संपूर्ण जानकारी

आँखों की कमजोरी के लक्षण – आँखों के रोग की संपूर्ण जानकारी नेत्र रोग के बारे में all information जानेंगे। Aankhon ki bimari in hindi आज की पोस्ट में हम आँखों के रोग में नेत्र फ़्लू, आँखों से पानी आना, आँखों में खुजली, आँखों का फूलना, आँखों में गुहेरी, आँखों के नीचे कालापन, आँखों की ज्योति बढ़ाए, आँखों के लिए जरुरी Vitamins और आँखों की कमजोरी के लक्षण इनके बारे में हम आपको अच्छी तरह बातएँगे। 

आँखों की कमजोरी के लक्षण
आँखों की कमजोरी के लक्षण

आँखों की कमजोरी के लक्षण – आँखों के रोग 

Aankhon ki bimari नेत्र फ़्लू  :- 

वर्षा ऋतू में वातावरण में नमी और गंदगी के कारण कुछ बीमारियाँ जोर पकड़ने लगती है। फोड़ा – फुंसी, बुखार के साथ – साथ “eye flu” बीमारी उनमे से एक है। इसमें आँखों में दर्द होता है। आँखे सूज जाती है। नेत्र फ्लू के Virus दो प्रकार के होते है। virus के कारण दूसरे लोगों पर भी इसका संक्रमण शीघ्र हो जाता है।

आँखों की कमजोरी लक्षण:-

यह  इतना तीव्र स्क्रामक रोग है। कि रोगी की आँखों की और देखने मात्र से संक्रमण हो जाता है। इसके Virus हवा के सम्पर्क में आते ही दुसरे व्यक्ति की आँखों में पहुँच जाते है। सक्रमण के आँखों तक पहुंचने के कुछ ही मिनटों में वायरस अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है।  इस बीमारी में आँखों से पहले पानी निकलना शुरू होता है। इसका एक Reason अश्रुनली में रुकावट उत्पन्न होना भी होता है।

इसके बाद आँखों की सफेद झिल्ली के नीचे खुन उतर आता है। जिससे पहले आँखे ग़ुलाबी, फिर लाल होकर सूज जाती है। विशेषकर पलको पर सूजन आ जाती है। आँखो में किरकिराहट व जलन होने लगती है। ऐसा लगता है जैसे आँखों में कुछ चुभ रहा है।

आँखों में तेज़ धूप तथा तेज़ रोशनी चुभती है। आँखों में थकान व दर्द महसूस होता है। कभी – कभी सही upchar नहीं होने पर पुतलियों पर दाने पड़ जाते है। यह स्थिति काफ़ी कष्टप्रद होती है। नेत्र फ़्लू के virus गंदी अंगुलियो, धूल, धुआँ, गंदे पानी आदि के प्रयोग से तथा मक्खियों के माध्यम से फैलते है। 

संक्रमित व्यक्ति के कपड़ों का उपयोग करने से भी नेत्र flu के virus आँखों को संक्रमित करते है।  रोगी से हाथ मिलाने, उसके शरीर को स्पर्श करने आदि, से भी यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँच जाती है। 

Aankhon ki bimari in hindi – नेत्र फ़्लू की सावधनियाँ एंव उपचार

आँखों की कमजोरी के लक्षण पर्याप्त देखभाल एंव थोड़ी सावधनी से ही इससे छुटकारा मिल सकता है। समय पर Eye Drops और आराम करना ही काफ़ी होता है। जब कंजक्टीवाइटिस (आई फ्लू) हो जाएं तो निम्नलिखित सावधानियाँ बरते।

1. यदि आप कॉन्टेक्ट लैंस लगते है तो उन्हें एकदम निकाल दीजिए।

2. अपना रुमाल, तौलिया, बेड कवर, तकिया कवर, साबुन आदि किसी अन्य सदस्य को उपयोग न करने दे।

3. परिवार में किसी को भी आई फ्लू हो तो उसे दवा डालने से पहले और बाद में हाथ अवश्य दो ले ताकि संक्रमण नहीं फैले।

4. आई फ्लू के रोगी ने काला चश्मा पहना हो तो आप दूर से बात कर सकते हैं ऐसे में रोगी को दूसरे से हाथ नहीं मिलाना चाहिए, न ही काला चश्मा उतार कर बात करनी चाहिए।

5. तेज धूप में नहीं निकलना चाहिए, ना ही तेज रोशनी में अधिक समय बैठना चाहिए। धूप के चश्मे का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।

6. ठंडे पानी से दिन में तीन – चार बार आंखें धोएं और डॉक्टर की सलाह अनुसार आई ड्राप डालें।

7. रात्रि में सोने से पहले रुई को मां के दूध अथवा गाय – भैंस के दूध की मलाई में भिगोकर आंखों पर रखें। शुद्ध शहद की रूई भी इसी प्रकार की जा सकती है, इससे बहुत आराम मिलता है।

8. कोई भी प्रमाणिक आयुर्वैदिक आई ड्रॉप्स या शुद्घ गुलाब जल आंखों में डाला जा सकता है। यदि आंखें ज्यादा फूल गई है, तो उनकी हल्की सिकाई की जा सकती है।

9. कितनी भी खुजलाहट हो, आंखों को खुजाये नहीं। आँखों से निकलने वाले पानी को साफ रुमाल से पोंछ दे गंदी उंगली आंख में लगाएं।

10. छोटे बच्चों की आंख फ्लू से पीड़ित हो तो मां के दूध में रूई के फाहे भिगोकर रात्रि में सोने से पूर्व आंखों पर रखें।

11. प्रौढ़ व्यक्ति गाय या भैंस के दूध के झाग में रुई भिगोकर आंखों पर रखें, प्रातः स्वच्छ पानी से आंखें धोएं।

12. जब आंख रोग से पीड़ित हो तब तीखे मसाले या अधिक गरिष्ठ भोजन न करें, बल्कि हल्का भोजन करें।

13. आंखें शरीर का अनमोल अंग है,ये जितनी उपयोगी है, उससे कहीं ज्यादा नाजुक भी है।

अतः इनकी देखभाल विशेष रूप से की जानी चाहिए। संसार की समस्त खुशियों की सार्थकता आंखों के कारण हैं। आंखों के बिना सारा जहान सूना है। 


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आँखों के रोग आँखों की कमजोरी के लक्षण – Eyes problems in hindi

आँखों की कमजोरी के लक्षण आँखों से पानी आना :-

मौसम बदलने पर या मौसम के संधि- काल में, बरसात के दिनों में जब हवा में नमी और प्रदूषण होता है तो आंखों से पानी आने लगता है गर्मियों में अंधड़ तथा लू से भी आंखों को पीड़ा होती है और आंखों से पानी आने लगता है। आंख में कोई तिलि या उंगली लग जाने पर भी आंख से पानी बहने लगता है।

आँखों की कमजोरी के लक्षण आंखों में खुजली :-

उपर्युक्त कारणों से या एलर्जी के कारण आंखों में ऐसी खुजली होती है। कि हाथ रोके नहीं रुकता, मसलते समय आंखों में मीठा सा एहसास होता है, परंतु खुजली निरंतर बढ़ती जाती है। कुछ लोगों के आंखों की कोर में अधिक खूजली होती है। खूजली के साथ-साथ आंखों से पानी भी निकलने लगता है और आँखे एकदम लाल हो जाती हैं।

आँखों की कमजोरी के लक्षण आंखों का फूलना  :-

अक्सर देखने में आता है कि बच्चे ही नहीं बड़े भी रात को अच्छी प्रकार सोए नहीं लेकिन प्रातः उठे तो आंखें बंद और सूजी हुई है। कुछ बच्चों की एक आंख की फूली होती है इसका कारण सर्दी – गर्मी हो जाना है। रात में कूलर की हवा में सोने पर भी कुछ लोगों की आंखें फूल जाती हैं।

आँखों की कमजोरी के लक्षण  – आंखों के फूलने की सावधानियां एवं उपचार

आंखों में उपर्युक्त शिकायत होने पर इनकी चिकित्सा का घर में ही की जा सकती है इनके लिए निम्नलिखित उपाय काम में लाए जा सकते हैं।

1. सबसे पहले कैसी भी स्थिति में आंखों को साफ पानी से धोकर साफ तौलिये से पोंछें, परंतु रगड़े या मसले नहीं।

2. गंदे हाथों तथा नाखून से भूलकर भी आंखें न मले। यदि खुजली असहाय हो जाए तो साफ रुमाल से हल्की सी मालिश करें।

3. प्रात: – सांय आंखों में शुद्ध गुलाब जल की दो बूंदे लेट कर डाले। इसके अलावा कोई आयुर्वेदिक दवा भी डाल सकते हैं।

4. आंखों के फूलने और बंद होने पर रात्रि को दूध की मलाई आंखों पर रखकर सो जाएं, सुबह आंख बिल्कुल तरोताजा मिलेगी।

5. शुद्ध शहद आँखों में आँजने से आंखों की खुजली मिट जाती है।

6. गर्मी से त्रस्त और लाल पड़ गई आंखों पर ठंडे खीरे के गोल – गोल पीस अदल – बदलकर रखें या ठंडे घिया की लुगदी आंखों पर रखें।

7. आंखों में धूल – मिट्टी पड़ गई हो तो संतरे के छील्के का दो बूंद आंखों में टपकाए, तुरंत आराम मिलेगा।

8. बच्चों की आंखें फूल जाए तो मां के दूध में रुई के फाहे भिगोकर रात्रि में आंखों पर रख दें। इससे आंखों की पीड़ा मिट जाती है।

9. अगर आंखों में बार – बार दर्द की शिकायत हो तो चश्मा टेस्ट अवश्य कराएं।

10. देर तक टीवी. न देखें वीडियो गेम न खेलें। सूर्यादय से पूर्व उठकर टहलने जाएं करें।

11. भोजन में विटामिन A की भरपूर मात्रा ले, इसके लिए गर्मी के मौसम में ठंडा आम चूस कर खाएं तथा हरी सब्जियों का सेवन करें।

12. घर में बना देशी काजल आंखों में नित्य लगाने से आंखें स्वस्थ और साफ़ रहती हैं।

आँखों के रोग आँख मे गुहेरी – Eyes problems in hindi

आंख की पलकों या आंख के निचले भाग पर फुंसी निकल आती है, इसी को गुहेरी कहते हैं। इसके कारण आंख सूज जाती है। पूरी पलक लाल तथा भारी हो जाती है। इसमें असहनीय दर्द होता है। कुछ लोगों में इसका प्रकोप इतना प्रचंड होता है की पूरी आंख ही सूजन के कारण बंद हो जाती है। आंख से पानी बहता रहता है, आंख के पूरे भाग में दर्द फैला महसूस होता है।

कभी – कभी गुहेरी एक बार नहीं कई – कई बार निकलती है। मुख्यत: आंखों की पर्याप्त साफ़ – सफाई न करना इसका कारण होता है। ज्यादा देर औऱ सूर्य चढ़ जाने तक सोना, प्रदूषण, गंदे हाथ आँख पर लगाने या आँख मलने से आँख में फुंसी निकल आती है।जब यह पककर फूट जाती है तो दर्द कम हो जाता है और राहत महसूस होती है।

आँख आँखों के रोग में गुहेरी का उपचार :-

आँखों की कमजोरी के लक्षण कुछ उपचार निम्न प्रकार है, जिन्हें फुंसी निकलने या उसका आभास होने पर प्रयोग में लाना चाहिए।

1. फुंसी आंख की पलक पर है तो पहले गर्म पानी में कपड़ा भिगोकर कुछ देर सेंक लगाएं,  फिर ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर सेंक दें। 2 दिन में फुंसी ठीक हो जाएगी।

2. चने की दाल पानी में पीसकर या घिसकर इसकी लुगदी फुंसी पर लगाए तो यह पककर फूट जाती है।

3. लोंग तथा हल्दी पानी में घिसकर गुहेरी पर लगाए। इससे फुंसी बैठ जाती है, तथा साथ ही सूजन भी जाती रहती है।

4. छुहारे की गुठली को पानी में घिसकर गुहेरी पर लगाए, इससे दर्द में आराम मिलता है और कौन सी बैठ जाती है।

5. इमली के बीज की गिरी को पानी के साथ पत्थर पर घिसकर गुहेरी पर लगाए। यह गुहेरी की कारगर दवा है।

6. प्रातः हथेलिया रगड़ कर उसकी गर्महाट से गुहेरी की सिंकाई करें या बार-बार अंगूठा घिसकर सेंक लगाए।

7. घी या नारियल तेल में सिंदूर मिलाकर लगाने से भी राहत मिलती है।

आंखों के नीचे कालापन – आँखों की कमजोरी के लक्षण

 अधिकांश लोग मानसिक परिश्रम, चिंता, तनाव, अनिद्र, थकान, अपौष्टिक भोजन, अनिमियत दिनचर्या के कारण पाचन बिगाड़ लेते हैं और कुपोषण के शिकार हो जाते हैं, इससे आंख के नीचे चारों और कालीमा प्रकट होने लगती है। शारीरिक क्षमता से अधिक परिश्रम तथा मानसिक श्रम करने से आँखें अंदर धंसने लगती हैं।  कब्ज से लगातार पीड़ित रहने पर आंखों के नीचे कालापन आ जाता है।

Aankhon ki bimari आँखों के नीचे कालेपन का उपचार :-

भरपूर नींद, सही समय पर भोजन तथा नियमित आवश्यक व्यायाम जरूर करें, साथ ही निम्न उपाय काम में लाएं।

1.  कद्दूकस की आलू रेशमी या सूती कपड़े में बांधकर कुछ दिन नियमित आंखों पर रखें। कालापन दूर होगा।

2. आलू के दो टुकड़े काटकर आंखों पर रखे, आस – पास की त्वचा पर भी रखे। आधा घंटा या 20 मिनट बाद हटा ले, इससे धीरे – धीरे कालापन हटेगा।

3. छिलके सहित आलू पीसकर कालीमा वाले भाग पर लगाए, बाद में बदाम रोगन से गोलाई में मालिश करें, इससे आंखों की त्वचा चमक उठेगी।

4. गर्म दूध में रूई के फाहे डुबोकर सुहाता – सुहाता आंखों पर रखें, इससे कालापन दूर होगा।

5. खीरे का रस निकालकर रुई की मदद से काली झाइयों पर लगाएँ। इसी प्रकार आलू का रस भी लगाया जा सकता है।

6. ककड़ी के रस रुई के फाहे भिगोकर आंखों पर रखकर सीधे लेट जाएं, इसे 10 मिनट रखे रहने दे। काले निशान मिटने लगेंगे।

7. एक गिलास खूब गर्म पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर रख छोड़े, ठंडा होने पर आंखें बंद करके छींटे मारे, धोएं। आंखें और त्वचा चमकदार हो जाएंगी।

8. पुदीना, आलू और खीरा तीनों का रस मिलाकर आंखों के काले घेरों पर लगाएँ, सूखने पर दो डालें।


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Aankhon ki roshni badhane ka mantra – आंखों की  रोशनी बढ़ाएं 

आंखों की सुरक्षा के लिए उनकी उचित देखभाल जरूरी है मल – मूत्र, छींक आदि वेगों को भी कभी रुकना नहीं चाहिए।

Aankhon ki roshni badhane Ke Upay :-

कई अन्य उपाय ऐसे हैं जिनके उपयोग से आंखें स्वस्थ रहती हैं जैसे मस्तक पर चंदन लगाना आंखों के लिए फायदेमंद होता है। मुँह में ठंडा पानी भरकर आंखों पर पानी के छींटे मारना भी लाभकारी होता है। टहलना स्वास्थ्य के लिए फ़ायदेमंद है, परंतु सुबह – सबेरे हरी घास पर नंगे पैर टहलना आंखों को विशेष रूप से लाभ पहुंचाता है, साथ ही प्राकृतिक हरियाली निहारने से आंखों को ठंडक मिलती है।

1. प्रतिदिन बालों में तेल लगाना, नाक नाभि में तेल लगाना आंखों के लिए लाभकारी होता है। इसके लिए नारियल, सरसों या तिल के तेल का प्रयोग किया जाना चाहिए।

2. मक्खन में मिश्री मिलाकर खाने से भी आंखों को शक्ति मिलती है रात को सोते समय पैरों के तलवों में तेल लगाना आंखों के लिए अच्छा होता है।

3. भोजन से पहले मल – मूत्र त्याग करना तथा सोते समय हाथ – पैर धोकर सोने से भी आंखों को रोग मुक्त रखने में मदद मिलती है।

4. आंखों को निरोग रखने में त्रिफला का चूर्ण भी कारगर है हरड़, बेहड़ा और आंवला मिलाकर यह चूर्ण बनाया जाता है।

दो चम्मच चूर्ण रात को एक गिलास पानी में भिगोकर सवेरे उस पानी से आंखे धोने से आँखों की छोटी – मोटी परेशानी स्वंय ही दूर हो जाती है।

आँखों की कमजोरी के लक्षण को दूर करने जरूरी विटामिंस  –

आंखों को स्वस्थ एवं निरोगी रखने अत्यंत जरूरी है। आंखों को स्वस्थ एवं निरोगी रखने में विटामिन ए, बी, सी, एंव डी विशेष उपयोगी है। हमारी आंखों के लिए आवश्यक विटामिन एंव खनिज – लवण, फलों एवं हरी सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।

आँखों की कमजोरी के लक्षण को दूर करें विटामिन A युक्त पदार्थों से :- 

दूध, मक्खन, छाछ, घी, पके आम, पपीता, तरबूज,गाजर, छुआरा, गाजर, अंजीर संतरा, खजूर, टमाटर, पालक एवं मेथी की भाजी, करेला, हरा धनिया, पुदीना, सोयाबीन आदि। इन विटामिंस की कमी से विभिन्न नेत्र रोग, जैसे – रतौंधी, धुंधले प्रकाश में कम दिखना आदि तकलीफ होती हैं। यदि विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में लिया जाए तो आंखों की ज्योति बढ़ती है। इन सबका मौसम के अनुसार भरपूर मात्रा में सेवन करना चाहिए।

विटामिन बी भी आंखों के लिए बहुत उपयोगी है यह मुख्यत: दूध, अंडा, दही, सेब, संतरा, केला, ककड़ी, करेला गाजर, मूली, गोभी, नारियल, बदाम, मूंगफली, मूंग, मोठ, अरहर आदि से प्राप्त होता है। इसकी कमी से आंखों में दर्द, आंखों से पानी टपकना, आंखों में जलन आदि नेत्र संबंधी तकलीफ़े होती है। अतः संबंधित रोगी अपनी सुविधानुसार उपर्युक्त फलों, सब्जियों, खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।

Eyes problems in hindi – आँखों के रोग के लिए उपयोगी घरेलू उपचार 

आंखों को स्वस्थ और सुंदर बनाने के लिए कुछ घरेलू उपचार तथा सावधानियां निम्न है।

1. नींद भरपुर ले,कम से कम 7 या 8 घंटे की नींद अवश्य ले।

2. आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें तथा साफ तौलिए से पोंछें। हरियाली व उगते सूर्य को देखें, प्रातः ओस पर नंगे पैर टहले।

3. बहुत तेज था हल्की रोशनी में पढ़ने की कोशिश न करें। इससे आंखों पर जोर पड़ता है।

4. कब्ज न होने दें। यह आंखों के लिए बड़ी हानिकारक है। इससे अनेक रोग जन्म लेते हैं।

5. यदि आप सहन कर सके। तो पानी में तीन – चार बूंद नींबू का रस मिलाकर उससे आंखें धोएं, यह सस्ती व सर्वोत्तम दवा है।

6. आँखें यदि थकी हुई महसूस करें तो गुलाब जल डालें प्रात: काल ठंडे पानी के छींटे मारे।

 आंख का रोग दूर करने के लिए आंखों के व्यायाम 

आंखों को स्वस्थ बनाने के लिए व्यायाम भी जरूरी है व्यायाम अब आप अपनी सुविधा नुसार दिन में कभी भी कर सकते हैं।

1. अपने हाथ में पैन या पेंसिल लेकर उसको एक फुट की दूरी पर पकड़े तथा अपनी दोनों आंखों से उसकी  नोक पर ध्यान जमाए, आपकी निगाहें नोक पर ही रहनी चाहिए तथा पैन को कभी पास लाएं तथा कभी दूर  ले जाएं,आपकी निगाहें नोंक पर ही रहनी चाहिए तथा पैन को भी पास लाएं तथा कभी दूर ले जाएं, ऐसा करीब 8 से 10 बार करें।

2. बिना गर्दन घुमाए आंखों को ऊपर – नीचे, दाएं – बाएं गोलाई में घुमाएं।

3. मुंह में पानी भरकर आंखों पर छींटे मारे व आंखों को पहले बाए व फिर दाई देखें, ऐसा कई बार करें। व्यायाम से नेत्रों की सुंदरता के साथ – साथ उनकी रोशनी भी बढ़ती है।

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