बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम symptoms of viral fever in hindi बुखार का घरेलू उपचार सर्दी jukam ka ilaj बारे में पढ़ेंगे और आपको इस लेख़ में पूरी जानकारी देंगे।
जिसको भी सर्दी – ज़ुकाम , कफ़ और छींक आना जितनी भी ये बीमारियाँ है समान्य रूप से वायरस से होती है और उसके लिए अचूक उपाय गिलोए , तुलसी और हल्दी। हल्दी को तो दूध में भी उबालकर ले सकते है।
गिलोए, तुलसी और हल्दी इसका गाढ़ा पुरे हिंदुस्थान के लोग पी सकते है। और यह 100% आयुर्वेदिक है इसका किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है। बुख़ार को भी एक दम ठीक करता है। गिलोय रोज पिए यह सबसे बड़ा एंटीवायटिक है।
सर्दी – ज़ुकाम, खांसी, डेंगू, चिकनगुनिया और स्वाइनफ्लू के लिए तो रामबाण औषधि है। इससे बहुत लोग ठीक हुए है और हो भी रहे है। इसलिए यह कोई सुनी – सुनाई बात नहीं है। और यह एक अनुभूतिक बात है सर्दी, जुकाम व बुखार को ठीक करने का अचूक उपाय।

बुखार कितने प्रकार का होता है !! Types of fever !! fever कितने प्रकार का होता है। यह आप नीचे दिए गए लेख में पढ़ सकते है।
» बुखार की सबसे अच्छी दवा कौन सी है bukhar ki dawa ka name
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम – symptoms of viral fever in hindi
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम, बुखार क्या है यह कैसे आता है और इसके लक्षण एवं कारण क्या है? ll What is fever?
हमें लाइफ में बुख़ार या fever आया ही होगा। जैसे की आप सभी जानते हो हमारे शरीर का सामान्य तापमान लगभग 98.6° F (37°C) होता है। जब शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ने लग जाता है तो उस स्थिति बुखार या पायरेक्सिया कहते है।
बुख़ार एक शरीर की बीमारी से लड़ने का तरीक़ा है। इसलिए बुख़ार एक सक्रमण का लक्षण है। सक्रमण के दौरान हमारा रक्त और लसिका श्वेत रक्तकोशिकाओं wbc का निर्माण करता है। जो सक्रमण मतलब रोगाणुओं या ज्म्र्स से लड़ती है। इस कारण हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता हैं जिससे हमारे शरीर की माँसपेसियो पर दबाव पड़ता है। और कम्कम्पी होने लगती है।
यह आमतौर पर सुबह के समय कम होता है और दिन के दौरान ऊपर चला जाता है। यह देर से दोपहर या शाम को, कभी-कभी 1 या 2 डिग्री से भी अधिक समय तक रहता है।
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम – viral fever symptoms in hindi
– इन्फ्लुएंजाया फ्लू सर्दियों में अचानक होने वाले बुखार का नाम है। सर्दियाँ जाते समय , वसंत ऋतू में भी इसका प्रकोप बहुत होता है।
बुखार आने के लक्षण: बुखार कमजोरी , शरीर और सिर में दर्द होना , छींके आना और खांसी।
कारण: इन्पलएंजा नाम के वायरस के द्वारा संक्रमण
बुख़ार उतारने का सरल उपचार :- हमें रोज़ का खाने वाला सेंधा नमक़ लेना है। जो हम साघ – सब्ज़ी में डालते है। हमें 4 से 5 चमच्च नमक़ लेना है और उसे हल्के दिमि आंच पर तबे पर डालकर गर्म करना है लगभग 4 से 5 मिनट तक। हल्के भूरे रंग तक।
कभी – कभी ऐसा होता अचानक से बुख़ार आ जाता है घर में दवा नहीं होती वैसे में आप यह उपाय कर सकते है। अगर बुख़ार ज़्यादा देर तक रहेगा तो वो immunity system को भी कमज़ोर करता है। हमारे शरीर की कोशिका यानी की शैल को ख़त्म करना शुरू कर देता है। जिससे शरीर में बहुत ज़्यादा कमज़ोरी आती है।
नमक़ को गर्म करने के बाद एक कटोरी में निकाल लें। अब एक साफ़ – बर्तन में 1 गिलास पानी लीजिए। और उसे हल्का गर्म कीजिए गर्म करने के बाद उसे एक गिलास में डाल लीजिए। और भुने हुए नमक का आधा चमच्च पानी में डालिये और मिक्स कर लीजिये। जब आप देखंगे की 2 से ३ घंटे में आपका बुख़ार उतर जायेगा।
जब बुख़ार उतर जाएं तो इस उपाय 1 बार और दोहराह लीजियेगा, ताकि बुखार दवारा न चढ़े। ये सिर्फ़ आपका बुख़ार उतारेगा। बुख़ार दुवारा आने नहीं देगा। बुख़ार आपको किस वज़ह से है इसके लिए ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। और बुखार को ठीक करने का यह अचूक उपाय 10 साल से नीचे बच्चे को ना दे।
और जिनका हाई ब्लड प्रेसर है उनको भी ना दे, और जो बचा हुआ भुना नमक है उसको एक साफ़ डिब्बे में स्टोर करके रख ले। या फिर एक चमच नमक को ही भून कर इस उपाय को कर सकते है।
खाँसी के घरेलू उपचार – viral fever symptoms in hindi
दोस्तों कितनी भी पुरानी खॉंसी आप इस घरेलू नुक्से को अपनाकर उसको हमेशा के लिए जड़ से ख़त्म कर सकते हो। ये घरेलू नुस्ख़ा बनाने के लिए हमे केवल दो सामग्री की ज़रूरत पडेगी।
और इस खांसी के घरेलू उपचार को बनाने में थोड़ी सी भी मेहनत नहीं लगेगी है इस नुस्ख़े का सेवन केवल 2 साल के ऊपर बच्चे को दे सकते हैं थोड़ा सा और वैसे हर उम्र के लोग इसका सेवन कर सकते हैं।
घरेलू उपचार का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता और बहुत ही इसके हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं आप जैसे – जैसे इस घरेलू उपाय का उपयोग करते हैं तो आप की कफ़ या खाँसी धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। ।
आपको इस घरेलू उपचार को आधा सबसे छोटी चम्मच सुबह खाली पेट में लेना है और इसका स्वाद नहीं लेना है मुंह में डालकर बस निगल लेना है और इसके बाद आपको पानी नहीं पीना है पानी जब भी पीना है तो गर्म पानी पीना है।
दिन में एक बार ही इस नुक्से को ले और बहुत ज्यादा खांसी है तो आप दो बार ले सकते हैं और जिन्हें खांसी नहीं है वह भी इस नुक्से का उपयोग करें।
ताकि आप की immunity power यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर में बढ़ती रहे और कभी भी आपको खांसी ना हो तो चलिए देखे इस आसान और कारीगर खांसी कफ बलगम के लिए इस घरेलू अचूक उपाय को।
इस नुस्ख़े को बनाने के लिए हमें जरूरत पङेगी पहली चीज़ है हल्दी अगर आपको कच्ची हल्दी मिल जाती है तो वह बहुत ज़्यादा फ़ायदा करेगी। या फिर सूखी हल्दी उसे कूट लें या मिक्सर में पीस लें। और यह हल्दी बहुत बढ़िया तरीक़े से काम करेगी। बाज़ार वाली हल्दी में मिलावट होती है उसक असर तो होगा पर बहुत कम होगा।
हल्दी इन्फेक्शन को दूर करती है हीलिंग को तेज करता है हल्दी में एंटीवायोटिक और एंटीक एनर्जी तत्व पाए जाते है और जिससे से ये कीटाणुओं को नष्ट करता है हल्दी कीटाणुओं से लड़कर हमारे खून को भी साफ़ करता है।
शहद में भी एंटीवायोटिक तत्व होते है, गले में यह एक लेप की परत की तरह काम करता है। जिस से खाँसी तुरंत ही ठीक हो जाती है। और इंफेक्शन को भी धीरे – धीरे ख़त्म कर देता है जब में खासते है तो गले की नली छील जाती है और शहद से आराम मिलता है हल्दी और शहद का प्रयोग करने से जबर्दस्त दवा बन जाती है।
घरेलू नुस्खे खाँसी के उपचार का नुस्खा इस तरह बनाएं
सबसे पहले एक कटोरी लीजिए इसमें राइस खाने वाला चमच्च होता है वह 1 डालिए और उतनी ही मात्रा में शहद डालिए। अच्छी तरह शहद और हल्दी को मिला लीजिए। और आप आधा चमच्च मुँह में डालें और निगल जाएं। इसके बाद बिलकुल भी पानी नहीं पीना है। गले में इसी तरह से एक घंटे तक रहने दे।
अगर इसके बाबजूद पानी पीने का मन करें तो गुनगुना पानी पिए यानी हल्का गर्म पानी ही पिए। आप इसका सेवन दिन में दो बार सकते है। एक सुबह ख़ाली पेट जितने भी कीटाणु गले और पेट में होंगे वो मर जायंगे। जिसको खाँसी नहीं है उसको भी कम मात्रा में दे सकते है और 1 साल से कम शिशु को नहीं देना है। और 1 साल से ऊपर शिशु को हल्का सा चटटा सकते है।


बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम – jukam ka ilaj
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम सर्दी खांसी जुकाम कफ के लिए इन तीनों बीमारियों को कैसे कर सकते है। वैसे तो हमने इन तीनों का ईलाज अलग़ – अलग़ बता दिया है फिर भी एक बार सर्दी, जुकाम व बुखार को ठीक करने का अचूक उपाय जो 100% फायदा करेगा नहीं बल्कि करता है।
साथ ही यह काढ़ा मैंने खुद घर पर बहुत बार अपने ऊपर इसको इस्तेमाल किया है और हमेशा 100% परिणाम मिला है। इसको एक ही बार use करने से ही आप 1 days में ठीक हो जाओगे। और इस काढ़े को बच्चे और बुजुर्ग सभी ले सकते हैं।
यह 100% एक आयुर्वेदिक औषधि है और बहुत ही ज्यादा घर का काम करने से हम तक जाते है और अपनी सेहत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते है और ऐसे में हम tablet लेते है उनका एक फ़ायदा और अनेक नुक़सान है।
जैसे ही मौसम बदलाब आता तो यह बीमारियाँ आनी शुरू हो जाती है। और यह बीमारियाँ हर घर में सर्दी खांसी होना आम देखीं जा सकती है इस काढ़े को पीने के बाद आप चंद मिनट्स आराम करें। थोड़ी देर बाद आप इन बीमारियाँ से राहत महसूस करेंगे और साथ ही सर्दी वाला बुखार भी छू मंत्र हो जायेगा। अब आप पढ़िए नीचे की आप घर में काढ़ा किस तरीक़े से बना सकते है।
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बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम का काढ़ा कैसे तैयार करें – viral fever symptoms in hindi
इस घरेलू नुस्ख़े को तैयार करने के लिए जो चीजें चाहिए वो नीचे बताई गई और कितनी चाहिए वो भी लिखित है :-
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम Ingredients –
- 300ml – Water
- 1 Tbsp – Gud/Jaggery
- 2 Green Cardamom
- 10 Black Pepper (coarsely crushed)
- 4 – Cloves
- ¼ Tsp Black Salt
- 1-inch ginger (grated)
- ¼ tsp Turmeric Powder
- 8 -10 Tulsi leaves
- 1-inch Cinnamon
- ½ tsp Carom Seeds
बुखार का घरेलू उपचार सर्दी जुकाम :- इस नुस्ख़े को बनाने के लिए हम एक गिलास पानी को saucepan (पकाने वाला बर्तन) में डालेंगे। और इसको चूल्हे पर धीमी आंच पर ऱख देंगे देंगे और सबसे पहले इसमें हम छोटी आदि चमच्च अजवाईन डालेँगे। अजवाईन से खॉंसी में बहुत ज़्यादा राहत मिलती है। अगर आपको अचानक ज़ोर से खाँसी आ जाएं और आप काढ़ा न बना सके तो।
आप अजवाईन को तबे पर भून के मुँह में लीजिएगा तो खाँसी रुक जाएगी। अजवाईन डालने के बाद 5 से 6 कुटी हुई काली मिर्च, आपको काली मिर्च पाउडर का इस्तेमाल नहीं करना है। फिर छोटा टुकड़ा दाल चीनी का लीजिये और इस को छोटे – छोटे टुकड़े करके डालिये। या पॉवडर भी डाल सकते है। गले में खरास हो जाता या साइन में कफ़ जम जाता है उसको निकालने में मदद करता है ये दाल चीनी।
खांसी – सर्दी में बहुत काम आता है लोंग सर का भारी होना, गले में खरास आना उसको दूर करता है साथ ही इसमें 2 हरी ईलायची कूट के डालनी है और 1 इंच अदरख के टुकड़े का कद्दू – कस करके डालना है अदरख ज़ुकाम – सर्दी -खाँसी में बहुत काम आता है। और एक चौथाई छोटा चमच्च कला नमक़ डालें। इसमें सेंधा नमक नहीं डालना है काला नमक़ ही डालें।
और एक चौथाई छोटा चमच्च हल्दी डालें। अब इसमें डालेंगे छोटी तुलसी के 8 से 10 पत्ते बड़ी तुलसी के भी पत्ते आते है जो मिल जाए वहीं डाल लेने है। 1 Tbsp – Gud/Jaggery (15 ग्राम गुड़) डालेंगे। चीनी का इस्तेमाल नहीं करना है। सर्दी हो तो गुड़ डालना बहुत जरुरी है, इसमें आयरन पाया जाता है साथ ही शरीर को गर्म रखता है।
अब इसको मीडियम आंच पर 8 से 10 मिंट उबालें जब तक इसमें उबाल न आ जाएं। अब आपका काढ़ा तैयार है और यह काढ़ा इतना ज़्यादा आराम देता है। जब सर्दी होती है तो ऐसा लगता है शरीर अंदर से गर्म हो रहा है। बुख़ार आ गया है आँखे खोलने का मन नहीं करता है। सर में दर्द होने लगता है इसे काढ़े से आपको वो सब अच्छे से आराम मिलेगा।
इस काढ़े को पीने के बाद 1 घंटे के लिए सो लेते है आराम कर लेते है तो आपको बहुत ज़्यादा आराम मिलेगा। अगर आपको ज़्यादा खाँसी है तो इस काढ़े को दिन में 3 बार पीजिए, आधा – आधा कप करके एक बार में पूरा नहीं पीना है। because यह काफ़ी गर्म करता है। छोटे बच्चे को दे रहे है तो 2 चमच्च दे इससे ज़्यादा ना दे।
इस काढ़े का कोई भी Side Effects नहीं है जब भी खांसी हो आप cough syrp की जगह आप इस काढ़े को देना इतना ज़्यादा पसंद करेंगे। और cough syrp का side effects भी होते है और काफ़ी ज़्यादा महंगा भी होता है।
नोट :- जब काढ़ा तैयार हो जायगा तो हमने जितना पानी डाला था उससे आधा हो जायेगा और अच्छी सुगंध आयेगी साथ ही इसका रंग भी पीला दिखने लगेगा और जो बचा हुआ मसाला उसे फेंके नहीं उसमे अभी अर्क पड़ा है आप उस मसाले से 3 से 4 कप काढ़ा और बना सकते है। इसको फ्रिज में नहीं रखना है बहार ही ढक के ऱख दे।
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