कान के रोग की संपूर्ण जानकारी Ear In Hindi 7 Tips

Gharelu Nuskhe for Ear Pain in Hindi कान के रोग की संपूर्ण जानकारी Ear In Hindi – Ear Problems in hindi कान के रोग की संपूर्ण जानकारी आज की पोस्ट में हम कान के रोग, कान दर्द, कान में फुंसी, कान का बहना और कान की देखभाल  इनके बारे में हम आपको अच्छी तरह बातएँगे। 

Ear In Hindi

कान के रोग की संपूर्ण जानकारी – Ear In Hindi 7 Tips

कान का दर्द:-

कान का दर्द होना आम बात है। यह कई कारणों से हो सकता है चोट लगने या कान में फुंसी होने पर कान में असहनीय पीड़ा होती है।और कुछ भी अच्छा नहीं लगता ना लेटने पर चैन आता है। ना बैठने पर कान में कुपित वायु प्रवेश कर कान का दर्द बन जाती है।

कान के दर्द में सावधानियां :-

Ear  में दर्द या खुजली होने पर इसमें पेंसिल या तीली आदि भूल कर भी ना डालें। कान की वैक्स या धूल – मिट्टी निकालनी हो तो रूई लगी सलाई उपयोग में लाएं। कान में पानी कदापी न भरें।

Gharelu Nuskhe for Ear Pain in Hindi

निम्न उपचार काम में लाएं।

1. बच्चों या बड़ो के कान में दर्द हो तो प्याज के रस को सरसों के तेल में पकाकर ठंडा होने पर कान में दो बूंद डालकर लगा दे दर्द में आराम मिलेगा।

2. सुदर्शन की पत्ती को मसल कर उसका रस कान में डालें अगर सर्दी का मौसम हो तो थोड़ा सा गुनगुना करके डालें।

3. कान में अगर फुंसी हो तो लहसुन की कलियां छीलकर उन्हें सरसों के तेल में खूब पकाएं। तेल को शीशी में भरकर रख लें। और सुबह-शाम दो-दो बूंद कान में डालें। इससे कान दर्द में बडा आराम मिलता है।

4. आंक के पत्तों को घी से चुपड़ कर सेंके, फिर इसका रस निकाल कर सुआता – सुआता दो बूंद कान में डालें। दर्द में आराम मिलेगा।

5. प्रसूता मां का दूध बच्चे के कान में डालें। इससे बच्चों के कान का दर्द दूर होता है।

6. नीम की निबोली या पत्तों का रस सरसों के तेल में पकाकर रख ले। बच्चे – बूढ़े किसी के कान दर्द होने पर दो-दो बूंद कान में डालें।

7. बकरी के मूत्र में सेंधा नमक डालकर खोलाऐ, ठंडा होने पर दो-दो बूंद कान में डालकर रूई लगा दे ।

8. जब आसमान साफ हो तो रात्रि में शयन से पूर्व सरसों का तेल गर्म करें तथा ठंडा होने पर कान में डाले। और धीरे-धीरे हल्के हाथ से कनपटी की मालिश भी करते जाएं। इससे कान साफ तथा स्वस्थ रहते हैं।

9. फुंसी होने पर नीम या बकायन का तेल गुनगुना करके कान में डाल सकते हैं। इससे फुंसी का घाव जल्दी भरता है और दर्द में आराम मिलता है।

10. आप समझे तो कोई भी आयुर्वेदिक ईयर – ड्राप कान में डाल सकते हैं। बच्चों के मामले में विशेष सावधानी बरतें।

11. तुलसी दल मसलकर रस निकाल ले। कान दर्द की शिकायत होने पर दो बूंद कान में डालें, तुरंत आराम मिलेगा।

12. सफेद प्याज का रस गुनगुना करके कान में डालने से दर्द में आराम मिलता है, अगर घाव या फुंसी है तो घाव भी भर जाता है।

13. जिनको लगातार नजला जुकाम रहता है उन्हें कान दर्द की शिकायत आम बात है, अतः जुकाम होने पर इसका तुरंत इलाज करें।

कान में फुंसी  – gharelu nuskhe for ear pain in hindi

कान शरीर का महत्वपूर्ण अंग है । यह सुनने की इंद्रिय है। इसके अभाव में सब पर्व – त्यौहार, हर्षो-उल्लास , यहां तक कि सारा संसार ही सुना हो जाता है। इसलिए इनकी सुरक्षा तथा देखभाल यतनपूर्वक करनी चाहिए। कान में अक्सर फुंसी निकल आती है और असहनीय पीड़ा का कारण बनती है। अंदर से कान की दीवारें सूज जाती है और कान के इर्द – गिर्द उंगली रखना भी असहाय हो जाता है।

कान का बहना:-

कान में चोट आदि लग जाने या कान में सलाई आदि नुकीली चीज डालने से कान में घाव बन जाता है। और कान से लाल पीला मवाद निरंतर बहने लगता है। इसी को कान का बहना कहते हैं। कभी-कभी कान में फुंसी निकल आती है, पर इस और ध्यान नहीं दिया जाता। फुंसी फूटने पर इलाज के अभाव में कान के अंदर घाव बन जाता है, परिणाम स्वरूप कान बहने लगता है। बच्चों में यह शिकायत ज्यादा देखने में आती है।

कान के बहने पर सावधानियां – Ear In Hindi

निमन सावधानियां अवश्य बरतें

1 ध्यान रखें कि बच्चा कान में कोई नुकीली चीज, जैसे पेंसिल आदि ना डालें।

2 बच्चे को डांटते समय यह अवश्य ध्यान रखें कि बच्चे के कान पर थप्पड़ न मारे। इससे बच्चा हमेशा के लिए बहरा हो सकता है।

3 फर्श पर न सोए क्योंकि कान में कीड़ा चींटी याअन्य जीव प्रवेश कर कान को हानि पहुंचा सकते हैं।

ear pulling in hindi serials – कान के बहना का उपचार

1 कान में यदि चोट आदि लगी हो तो तुरंत कान के डॉक्टर को दिखा कर जांच कराएं।

2 कान में अनाज का दाना या ऐसी कोई चीज गिर जाए तो सरसों का तेल गर्म करके ठंडा होने पर कान में डालें, इससे दाना आदि ऊपर आ जाएगा। इससे कान के अंदर की मैलधूल आदि भी बाहर आ जाता है।

3 कान में फुंसी होने पर प्याज का रस हल्का गर्म करके डालें और कानों में रुई लगा दे।

4 कान बहने पर सरसों के तेल में लहसुन की कलियां खूब पकाएं, फिर इनको तेल में मसल दे, तेल को छानकर शीशी में भरकर रख लें। सुबह-शाम दो-दो बूंद कान में डालें

5 कान बहता है तो पानी में लहसुन की कलियां या फिटकरी डालकर खूब उबाले। अब इस पानी से कान अच्छी तरह से साफ करें। बाद में प्याज का रस दो-दो बूंद की मात्रा में डालें।

6 कान बहने पर काली तुलसी का अर्क दिन में तीन बार कान में डालें। अवश्य आराम मिलेगा।

7 कान बहता है या हल्का बहरापन है तो नवजात पिल्ले का पेशाब कान में दवा की तरह डालें। इसे कान दर्द में भी डाला जा सकता है।

8 पीप का बहाव रोकने के लिए महुआ, जामुन ,चमेली और आंवला के पत्ते एवं बड़ की जड़ की छाल – सब का रस सरसों के तेल में पकाकर इस तेल को कान में डालें, आशातीत फायदा होगा।

कान की देखभाल जरूरी:-

कीड़े – मकोड़े, तेज आवाजें, हवा – पानी तथा अन्य विषैले तत्व कान की अंदरूनी मशीनरी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे किसी भी प्रकार के संभावित नुकसान से बचने के लिए कान में व्यक्त का निर्माण होता है, जिसे सेरोमन कहते हैं यह हमारे कानों की सुरक्षा के लिए प्रकृति द्वारा दिया गया सुरक्षा कवच एक्स का बनना कोई रोक नहीं है।  अपितु एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। यो तो हमारे कान में जितना भी बैक्स बनता है, वह मुंह चलाने के कारण अपने आप बाहर निकल आता है,

परंतु किसी कारणवश यदि वैक्स ठोस होकर कान में फँस जाए। तो किसी अच्छे कान विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। बाजार में बैठे नीम – हकीमों से कानों कभी साफ नहीं करवाना चाहिए।  इन लोगों को कान की वितरित रचना की जानकारी नहीं होती। असावधानी के कारण कई बार कान के परदे में छेद हो जाता है। अतः कान की साफ-सफाई एवं सुरक्षा का भरपूर ध्यान रखें।

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