Liver In Hindi लिवर में सुजन, गर्मी और खराब की पहचान

लिवर ख़राब की पहचान कैसे करें Liver In Hindi लिवर में सुजन , गर्मी और खराब की पहचान जानेंगे और साथ ही liver problem solution in hindi लिवर खराब होने के कारण, लक्षण और उपाय इन हिंदी। हमारे शरीर में लिवर(यकृत) एक पावरहाउस अंग की तरह की काम करता है। यह विटामिन, खनिजों और यहां तक कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करने के लिए प्रोटीन कोलेस्ट्रॉल और पित्त के निर्माण से लेकर अलग-अलग जरूरी काम करता है।

यह हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। इसलिए स्वास्थ्य को मेन्टेन रखने के लिए लिवर की देखभाल करना बहुत ज्ररूरी है। बहुत से लोग डायबिटीज और उच्च रक्तचाप/अल्प रक्तचाप से तो पहले से ही जूझ ही रहे थे। लेकिन आजकल लिवर से जुड़ी समस्या भी सामने आने लगी है। और इसका मुख्य श्रेय हमारी बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल को जाता है।

यही कारण है कि पहले हेपेटाइटिस B और C को लिवर सोरायसिस का मुख्य कारण माना जाता है। लेकिन अब इसे अल्कोहल और मोटापे जैसी समस्या से होने वाली बिमारियों के कारण ज्यादा जाना जाने लगा है। गलत जीवनशैली और बिगड़ा हुआ खान-पान सीधा हमारे लिवर(यकृत) को प्रभावित करता है। यही वजह है कि इसकी गड़बड़ी से आज बहुत लोग गंभीर बिमारियों के चंगुल में घिरे हुए है।

Liver In Hindi

लिवर खराब होने के लक्षण – Liver In Hindi

और यह निरंतर बढ़ भी रही है। बहुत से सर्वों से पता चला है कि आज की युवा पीढ़ी भी इसकी चपेट में आ रही है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक लिवर से संबंधित रोग बहुत से देशों में लोगों की मृत्यु का कारण बन रहा है। और इन देशों की इस श्रेणी में भारत 10वें स्थान पर विराजमान है।

भारत जैसा देश जो प्रगति की और अग्रसर हो रहा है उसमें आए साल लगभग 10 लाख लिवर सोरायसिस मामलों का इलाज़ होता है। भारत के बाकी हिस्सों के अलावा उत्तर भारत में लिवर पीड़ित लोगों से संबंधित मामले ज्यादा सामने आए है। और यह आंकड़ें हाल ही में हुई स्टडीज के परिणामस्वरूप सामने आए है। भारत में 2015 से लेकर 2017 तक लगभग चार लाख चौबीस हजार लोगों पर अध्ययन किया गया। जिसमें चार मानक एजीओटी और इसके साथ-साथ एसजीपीटी, एलएलपी, बाइलीरूबिन, कुल प्रोटीन और एल्बुमिन को शामिल किया गया था।

लिवर की देखभाल क्यों जरूरी –  liver care in hindi 

 इंसान की बॉडी में लिवर सबसे बेहतरीन और दूसरा सबसे बड़ा ऑर्गन(अंग) होता है। यह हमारे शरीर में बहुत से महत्वपूर्ण कार्य करता है।  जैसे कि शरीर की साफ़ सफाई करना (डिटॉक्सिफिकेशन), पाचन क्रिया के लिए बायोकेमिकल्स का उत्पादन(निर्माण) करना। लाल रक्त कोशिकाओं का डीकॉम्पोजिशन और हार्मोनल स्त्राव आदि कार्य लिवर के द्वारा बेहतरीन ढंग से निभाए जाते है। परंतु आज के दौर की हमारी जीवनशैली को मद्देनजर रखकर देखा जाए तो धूम्रपान करना, अल्कोहल का सेवन करना, अस्वस्थ भोजन करना इत्यादि हमारे शरीर में लिवर के कार्यभार को बढ़ा देते है।

और जैसे लिवर क्षतिग्रस्त होता है। तो बहुत सी बिमारियां जन्म ले लेती है। इनमें से कई तो बहुत ज्यादा मामलों में सामने आई है। जैसे Fatty liver, Hepatitis, और Psoriasis (सोरायसिस) है। फैटी लिवर जैसी समस्या में जहाँ यकृत में Fat जमा होने लगती है। वहीं Hepatitis से पीड़ित व्यक्ति के लिवर में इंफेक्शन के कारण सूजन आ जाती है और Psoriasis से ग्रस्त होने पर पीड़ित के लिवर के उत्तक नष्ट(क्षतिग्रस्त) हो जाते है।और भी बहुत सी समस्याएं है जो सामने आने लगती है। इसलिए लिवर की देखभाल करना बेहद जरूरी है।

क्यों होता है सोरायसिस :-

सोरायसिस से पीड़ित व्यक्ति के लिवर के उत्तक क्षतिग्रस्त हो जाते है। आमतौर पर देखा जाए तो हमारा लिवर क्षतिग्रस्त हुई कोशिकाओं का दोबारा से निर्माण कर लेता है। परंतु जब इसे नष्ट करने वाले कारक जैसे Alcohol और viral infection लंबी अवधि तक इसके Touch में रहते है। तब सोरायसिस अपना पैर पसारने लगता है मतलब सोरायसिस के लक्षण दिखाई देने लगते है। Psoriasis(सोरायसिस) से पीड़ित व्यक्ति के लिवर का साइज धीरे-धीरे कम होने लगता है। परिणामस्वरूप लिवर तक रक्त को पहुँचने में परेशानी होने लगती है।

क्योंकि लिवर तक रक्त(Blood) पोर्टल शिराओं से होकर पाचक अंगों के जरिए पहुँचता है। परतुं जब लिवर में ब्लड नहीं पहुँच पाता या पहुँचने में कठिनाई होती है तो शिराओं में रक्त का दबाव बढ़ने लगता है। और इस स्थिति से एक और बीमारी जन्म ले उठती है जिसका नाम है हाइपर्टेंशन। Liver Psoriasis का एक और अन्य प्रकार होता है। जिसे डॉक्टरी भाषा में Non Alcoholic Septo-Hepatitis कहते है। यह उस Person को भी हो सकता है जो Alcohol से बिलकुल दूर रहता हो।



लीवर में सूजन के लक्षण – liver me sujan ke lakshan

यकृत जिसे जिगर के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। यदि यह सही ढंग से कार्य नहीं करता है तो हमारे शरीर में अनेक तरह की बीमारियों हो सकती हो। दोस्तों कभी ऐसा होता है की आपके यकृत का आकर एका – एक बढ़ने लगता है। तब क्या कारण हो सकते है। और इसे कैसे रोका जा सकता है। चलिए जानते है यकृत में सुजन आने के क्या कारण हो सकते है। यकृत यानी जिगर जैसे की मेने बताया की हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। जो भी हम खाते है वह आंतो द्वारा यकृत में चला जाता है।

जहां रात – दिन होने वाली विभिन्न क्रियाओं द्वारा भोज्य पदार्थ का रूपांतरण कर दिया जाता है। भोजन रूपांतरित का एक भाग रक्त का शरीर के विभिन्न अंगो में भेज दिया जाता है। जो बचा हुआ भाग है वह यकृत में ही संचित हो जाता है। इसे वक्त – वक्त पर शारीरक आवश्यकताओं अनुसार रक्त में भेज़ दिया जाता है। यकृत नित अपने भार के बराबर भोजन का रासायनिक रूपांतरित करता है लक्षण :-

  1. थकावट या ऊर्जा में कमी।
  2. त्वचा का रुखा होना।
  3. आँखों के आस – पास काले घेरे होना।
  4. बालों का झडना।
  5. शरीर में मोटापा आ जाना।
  6. पैरो और टखनों में का सूज जाना।
  7. अचानक भूख न लगना।
  8. पेंट में गैस बनना और बदहजमी जैसी समस्या।
  9. छाती में भरीपन व जलन होना।
  10. बुखार न होने पर भी मुँह का स्वाद ख़राब लगना।

लिवर ख़राब की पहचान – Liver kharab hone ke lakshan 

  1. त्वचा और आँखों का पीला दिखाई देना (पीलिया)
  2. पैरों और एड़ियों में सूजन जैसे लक्षण सामने आना।
  3. त्वचा में खुजली होना।
  4. कमज़ोरी और थकावट रहना।
  5. भूख कम लगना।
  6. पेट में दर्द और सूजन जैसे आसार बनना।
  7. मूत्र का रंग गहरा होना।
  8. उल्टी अथवा मितली आना।
  9. चक्कर आना।
  10. बुखार
  11. चोट लगने पर खून लगातार बहना etc.

लिवर Psoriasis की तीन Stage (अवस्थाएं) है। पहली Stage में बिना किसी कारण के पीड़ित को थकान महसूस होना, वजन कम होना और पाचन संबंधी समस्याएं देखने को मिलती है। दूसरी स्टेज में पीड़ित को चक्कर आना, भूख में कमी, बुखार आना और उल्टियों जैसे Symptoms सामने आते है। तीसरी और आखिरी Stage में बेहोशी, चोट लगने पर रक्त लगातार बहना और Vomiting(उल्टियों) के साथ खून आना जैसे लक्षण सामने आते है। और इस आखिरी अवस्था में अगर पीड़ित हो तो उसका उपचार एकमात्र ट्रांसप्लांट ही बचता है।

लिवर को हेल्दी या स्वस्थ कैसे रखें – liver healthy in hindi

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए शरीर के अंदर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालना बेहद जरूरी है। यानी की Detoxification बहुत जरूरी है। इसके लिए हमें वसायुक्त और Cholesterol वाले भोजन से दूर रहना चाहिए। हमें देर रात तक नहीं जागना चाहिए और इसके साथ-साथ सुबह जल्दी उठने की कोशिश करें। डिब्बों में पैक्ड खाने से परहेज करें। क्योंकि इनमें विशेष तौर पर शुगर की मात्रा ज्यादा होती है जो लिवर के लिए हानिकारक होती है। इसलिए बेहतर होगा की आप हेल्दी भोजन को अपने जीवन में प्राथमिकता दें।

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liver problem solution in hindi – liver kharab hone ke gharelu upay

1. चाय का सेवन (Green Tea) :- चाय को व्यापक रूप से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। परतुं कुछ साक्ष्य (Evidence) बताते है कि चाय लिवर के लिए खासतौर पर बहुत लाभदायक हो सकती है। एक बड़े जापानी अध्ययन से पता चला है कि प्रतिदिन 4 से 5 कप ग्रीन चाय का सेवन करना लिवर के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके अतिरिक्त एक और अध्ययन में पाया गया है कि हरी चाय का सेवन करने वाले लोगों में कैंसर का खतरा बहुत कम हो जाता है।

यह परिणाम उन लोगों में देखे गए जो रोजाना हरी चाय के चार या उससे अधिक कप सेवन करते थे। चूहों पर किए गए कई अध्ययनों ने काली और हरी चाय के अर्क के फायदेमंद प्रभाव भी प्रदर्शित किए है। उदाहरण के लिए, चूहों के एक अध्ययन में पाया गया कि काली चाय सेवन से लिवर पर उच्च वसा वाले भोजन के नकारात्मक प्रभावों के साथ-साथ लिवर स्वास्थ्य के रक्तचाप में सुधार के कई नकारात्मक प्रभावों को उलट दिया गया है। फिर भी, कुछ लोग, विशेष रूप से जिनको लिवर की समस्या है। उनको Supplement के रूप में हरी चाय (Green Tea) का सेवन करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसा इसलिए है।

क्योंकि हरी चाय निकालने युक्त पूरक(Supplement) पदार्थों के उपयोग से होने वाले लिवर क्षति की कई रिपोर्टें सामने आई हैं। इसलिए काली और हरी चाय लिवर में एंजाइम और वसा के स्तर में सुधार कर सकती हैं। लेकिन, अगर आप हरी चाय निकालने जा रहे हैं तो सावधानी बरतें, क्योंकि इससे आपको नुकसान हो सकता है।

2. कॉफ़ी का सेवन (Coffee) :- लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आप कॉफ़ी का सेवन कर सकते है यह सबसे अच्छे पेय पदार्थों में से एक है। अध्ययनों से पता चला कि कॉफ़ी पिने से लिवर से बीमारियां दूर रहती है। यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो पहले से लिवर की प्रॉब्लम से ग्रस्त है। बहुत से अध्ययनों में पता चला है। 

कि पुराने लिवर रोग में कॉफ़ी पिने से Psoriasis (सोरायसिस) और लिवर की क्षति का खतरा कम हो जाता है। कॉफ़ी के सेवन से लिवर का कैंसर होने की आशंका कम रहती है। कॉफी सूजन को भी कम करती है और एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाती है।

Liver In Hindi

 

एंटीऑक्सिडेंट हानिकारक कणों को असरहीन करती हैं, जो शरीर में स्वाभाविक रूप से पैदा होते हैं और जो हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जब आप सुबह एक कॉफ़ी का सेवन करेंगें तो लिवर आपको बदले में धन्यवाद कहेगा।

क्योंकि कॉफ़ी के सेवन से लिवर में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बढ़ जाता है। और लिवर की सूजन कम होती है। यह लिवर की बढ़ती हुई बीमारियों को रोकने में बहुत निपुण है। जैसे कि सोरायसिस, फैटी लिवर का विकास होना और इसके साथ-साथ कैंसर के खतरे को भी दूर करने में भी कॉफ़ी सहायक है।

3. ब्लूबेरी और क्रैनबेरी का सेवन :- ब्लूबेरी और क्रैनबेरी दोनों में एंथोसाइनिन, एंटीऑक्सिडेंट पाए जाते हैं जो बेरीज को उनका विशिष्ट रंग देते हैं। और इनके साथ बहुत से लाभ जुड़े हुए है। 3 से 4 सप्ताह तक इनका सेवन करने से लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। इन बेरीज को अपने आहार का एक नियमित हिस्सा बनाना यह सुनिश्चित करने का एक अच्छा तरीका है। 

कि आपके लिवर को एंटीऑक्सिडेंट्स के साथ आपूर्ति की जाती है जिससे इसे स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है। इसलिए बेरीज में एंटीऑक्सीडेंट का लेवल उच्च स्तरीय होता हैं, जो लिवर को क्षति से बचाने में मदद करते हैं।  बेरीज को अपनाकर हम अपनी प्रतिरक्षा और एंटीऑक्सीडेंट प्रतिक्रियाओं को भी सुधार सकते हैं।

4. अंगूर का सेवन :- अंगूर विशेष रूप से लाल और बैंगनी विभिन्न प्रकार के फायदेमंद Plant Compound होते हैं। सबसे मशहूर एक Resveratrol है, जिसमें कई स्वास्थ्य लाभ हैं। कई अध्ययनों से पता चला है कि अंगूर और अंगूर का रस Liver के लिए बहुत फायदेमंद है। अध्ययनों के मुताबिक अंगूर में सूजन को कम करने, क्षति को रोकने और एंटीऑक्सीडेंट स्तर बढ़ाने की आपार क्षमता होती है।

NAFLD के साथ मनुष्यों के एक छोटे से अध्ययन से पता चला है कि तीन महीने तक अंगूरों के बीज का सेवन सप्लीमेंट की तरह लिवर के लिए काम करता है। हालांकि अंगूर के बीज निकालने का एक केंद्रित रूप है, इसलिए आप पूरे अंगूर का उपभोग करने से समान प्रभाव नहीं देख सकते हैं। लिवर के लिए अंगूर बीज निकालने या सेवन करने से पहले अधिक अध्ययन की जरूरत होती है।

फिर भी, पशु और कुछ मानव अध्ययन से सबूत की विस्तृत श्रृंखला से पता चलता है कि अंगूर एक बहुत ही लिवर-अनुकूल फ्रूट हैं। इसलिए स्टडीज से पता चलता है कि अंगूर और अंगूर के बीज के सेवन से लिवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है, एंटीऑक्सीडेंट स्तर बढ़ाया जा सकता है और सूजन को कम किया जा सकता है।

5. चुकंदर का सेवन :- चुकंदर का रस Nitrates(नाइट्रेट्स) और Antioxidant का स्रोत है जिसे बेटलैन के नाम से जाना जाता है। जो हृदय को स्वस्थ रखने में काफी फायदेमंद है और लिवर को क्षति और सूजन से बचाता है। चूहों पर की गई स्टडी से पता चला है। कि चुकंदर का रस लिवर में ऑक्सीडेटिव क्षति और सूजन को भी कम करता है जबकि इसके प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइमों में वृद्धि होती है। इस प्रकार से चुकंदर का सेवन भी यकृत के लिए काफी फायदेमंद है।Liver In Hindi

6. फैटी मछली का सेवन :- फैटी मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड होते हैं। जो स्वस्थ वसा से भरपूर होती है। और जो सूजन को कम करने में और हृदय रोगों से हमें बचाने में सहायता करती है। फैटी मछली में पाए जाने वाले वसायुक्त पदार्थ लिवर के लिए भी फायदेमंद होते हैं। स्टडीज से पता चला है कि ये मोटापे को रोकने में मदद करते हैएंजाइम्स के लेवल को सामान्य रखने में मदद करते है। सूजन से लड़ते हैं।

और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करते हैं। ओमेगा -3 अच्छी फैटी मछली का भोजन करने के दौरान आपके लिवर के लिए फायदेमंद प्रतीत होता है। इसके अलावा ओमेगा-3 अपने आहार में जोड़ने का इससे ऊपर कोई फ़ूड नहीं है। इसलिए यकृत को हेल्दी रखने के लिए फैटी मछली का सेवन किया करें।

7. हल्दी का सेवन :- हल्दी में Antiseptic गुण पाए जाते है। यह Hepatitis B और C का कारण बनने वाले Viruses को बढ़ने से रोकती है। अगर हम रात को हल्दी के दूध का सेवन करते है तो काफी लाभ होगा।

8. सेब का सेवन :- सेब (Apple) का Vinegar(सिरका) विषाक्त पदार्थों को हमारे लिवर से बाहर निकालने का काम करता है शरीर की चर्बी कम करने के लिए आप सेब के सिरके को खाने से पहले भी सेवन कर सकते है। अगर आप चाहें तो इसमें शहद भी मिला सकते है।

9. लहसुन का सेवन :- लहसुन, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, गाजर, चुकंदर आदि का सेवन करना चाहिए। लहसुन में Antioxidant Allicin की मात्रा अधिक होती है जो हमारे शरीर को Oxidative नुकसान से दूर रखती है। इसके साथ-साथ ऐसे एंजाइम को पैदा करती है जो शरीर से नुकसानदायक पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते है।

10. सब्ज़ियों का सेवन :- ब्रसेल्स स्प्राउट्स, ब्रॉक्ली और सरसों के साग जैसी सब्ज़ियां अपने उच्चस्तरीय फाइबर सामग्री और विशिष्ट स्वाद के लिए जानी जाती हैं। एक अध्ययन में ब्रसेल्स स्प्राउट्स और ब्रोकोली अंकुरित डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइमों के स्तर को निकालने और जिगर को क्षति से बचाने में लाभदायक है फैटी लिवर वाले पुरुषों में हालिया एक अध्ययन में पाया गया कि अंकुरित ब्रोकली का सेवन फायदेमंद है।

बेहतर लिवर एंजाइम के स्तर में सुधार होता है और ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी आती है। मानव अध्ययन सीमित हैं लेकिन अब तक सब्जियां लिवर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भोजन के रूप में हमें काफी फायदा करती हैं। लहसुन और नींबू के रस या बाल्सामिक सिरका के साथ हल्के ढंग से इन्हें भूनकर उन्हें स्वादिष्ट और स्वस्थ पकवान में बदलने की कोशिश करें।

इसलिए ब्रोकली और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी क्रूसिफेरस सब्जियां लिवर के प्राकृतिक डिटॉक्सिफिकेशन एंजाइमों को बढ़ाती हैं, इसे नुकसान से बचाती हैं और लिवर एंजाइमों के रक्त स्तर में सुधार करती हैं।

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