Moral Stories In Hindi – top 10 moral stories in hindi मोरल स्टोरीज़ चैंजिंग LIFE जो हम Hindi Stories बताने जा रहे है उनको ध्यान से पढ़िये और उन पर अमल भी करीये की यह कहानी क्या शिक्षा देना चाहती है।
Table of Contents
1. Moral Stories In Hindi – मोरल स्टोरीज़ चैंजिंग Your LIFE
चार दोस्त :-
एक बार 4 कॉलेज के दोस्त मिले और अपने एक प्रोफेसर के घर चले गए , वह प्रोफेसर अब काफी बूढ़े हो चुके थे। अपने शिष्यों को देखकर प्रोफेसर काफी खुश हुए और उन्हें बैठने को कहा हर किसी ने प्रोफ़ेसर के पाँव छुए और बातें शुरू हुई। तब प्रोफेसर ने कहा कि तुम लोग यहीं बैठो मैं तुम लोगों के लिए चाय बना कर लाता हूं। जब प्रोफ़ेसर चले गए तो यह चार दोस्त आपस में बातें करने लगे।
Moral Stories In Hindi एक ने कहा कि मेरी सैलरी काफी कम है तो दूसरे ने कहा मुझ पर काफी लोन है, तीसरे ने कहा कि मेरे पास अपना घर नहीं है तो चौथे ने कहा कि मेरे पास अपनी गाड़ी नहीं है हर कोई अपना दुख आपस में बांट रहा था और अपनी परेशानियां बता रहा था जिससे साफ पता चल रहा था कि वह चारों अपने जीवन से खुश नहीं है। यह बात प्रोफेसर दूर से सुन रहे थे तभी प्रोफेसर उन चारों शिष्यों के पास 4 कप चाय लेकर आए।
पर उसमें सबसे खास बात यह थी कि एक कप सोने की थी दूसरी चांदी की थी तीसरी कप कांसे की थी और चौथी कप कांच की थी। शिष्यों के द्वारा सबसे पहले सोने का कप उठाया गया, फिर चांदी का कप उठाया गया फिर कांसे का और आखिर में जब कोई चॉइस नहीं बची तो कांच का कप उठाया गया।
इस बात को देखकर प्रोफेसर हंसने लगे तभी शिष्यों ने अपने प्रोफेसर से पूछा कि आप हंस क्यों रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह यह चार अन्य धातुओं के कब है पर इन चारों में एक ही चीज है चाय और चाहें कप सोने का हो या चांदी का , चाहे हो कांच का पीनी तो सिर्फ चाय ही है उसी प्रकार जीवन में भी लोग सांसारिक चीजों के लोग में इतने व्यस्त हैं कि वह जीवन का आनंद नहीं उठा पा रहे और सांसारिक चीजों को पाने के लिए दुखी है क्या फर्क पड़ता है।
सीख – इससे यह सीख मिलती है कि भले ही आपके पास अच्छी गाड़ी ना हो अच्छा घर ना हो अच्छी नौकरी ना हो पर इसके लिए दुखी ना हो जीवन में इन चीजों को मेहनत से हासिल करें पर खुश रहकर ना कि दुखी होकर।
2. top 10 moral stories in hindi – आपके जीवन में बदलाब के लिए टॉप कहानी
मूर्तिकार :- Moral Stories In Hindi
एक समय की बात है एक मूर्तिकार था जो बहुत ही अच्छी मूर्तियां बनाता था वह मूर्तियां बनाकर ही उसे बेचता और अपना जीवन व्यापन करता। उसकी शादी हुई और उसका एक बेटा हुआ उसका बेटा दिमाग से काफी तेज था वह अपने पिता को देखते देखते बड़ा हुआ और बचपन से ही मूर्तियां बनाने लगा पर जब भी वह मूर्तियां बनाता तो वह अपने पिता को दिखाने के लिए ले जाता।
पर उसके पिता हमेशा उसकी मूर्ति में कुछ ना कुछ खामियां दिखा देते हैं। वह अपने पिता की बात मानकर और खामियों को दूर करने में लग जाता। समय बीतता चला गया और उस मूर्तिकार का बेटा बड़ा होता गया। वह हर बार मूर्तियां बनाता और अपने पिता को दिखाने के लिए लेकर आता और हर बार उसके पिता उसकी मूर्तियों में कुछ ना कुछ खामियां निकाल ही देते और वह अपने पिता की बात मानकर फिर से उन खामियों को दूर करने में लग जाता।
धीरे-धीरे ऐसा करते-करते उसका बेटा अपने पिता से भी ज्यादा अच्छी मूर्तियां बनाने लग गया और उसकी मूर्तियां अपने पिता की मूर्तियों से ज्यादा कीमत पर बिकने लगी पर अब भी मूर्तिकार का बेटा जब भी कोई मूर्ति बनाता तो अपने पिता के पास जरूर लेकर आता और हर बार की तरह पिता फिर से कोई न कोई खामियां उसकी मूर्ति में निकाल ही देते।
और वह अपनी पिता की बात मानकर उन खामियों को दूर करने चल देता पर अब बेटे को पिता की मूर्तियों में खामियां निकालना अच्छा नहीं लगने लगा। एक बार जब मूर्तिकार का बेटा एक मूर्ति बनाकर अपने पिता के पास लेकर गया तो फिर से मूर्तिकार ने उस में कुछ खामियां निकाल दी जिसके बाद मूर्तिकार के बेटे ने झल्लाकर अपने पिता से कहा की अगर आप इतना ही जानते तो आपकी मूर्तियां मेरी मूर्तियों से कम कीमत पर नहीं बिकती। मेरी मूर्तियां परफेक्ट है
और मुझे इन्हें सुधारने की जरूरत नहीं है इस बात को सुनकर पिता चुप हो गए और फिर कभी भी अपने बेटे की मूर्ति पर खामियां नहीं निकाली, समय बीतता गया और धीरे-धीरे मूर्तिकार के बेटे की मूर्तियों की कीमत घटने लगी और लोग उसकी मूर्तियों को ज्यादा पसंद नहीं करने लगे।
इस बात से मूर्तिकार का बेटा काफी परेशान रहने लगा और आखिर में अपने पिता के पास फिर से जाकर उसने यह समस्या बताई तब उसके पिता ने कहा कि बेटा जब मैं तुम्हारी मूर्तियों में खामियाँ निकालता था तो तुम संतुष्ट नहीं होते थे और अपनी मूर्तियों को और भी बेहतर बनाने के लिए लालायित होते थे जिसके कारण तुम्हारी मूर्तियां इतनी अच्छी बनती थी पर अब तुम अपनी मूर्तियों से संतुष्ट हो जाते हो जिसके कारण तुम्हें मूर्तियों की खामियां नहीं दिखती और इसी कारण लोगों को तुम्हारी मूर्तियां इतनी ज्यादा पसंद नहीं आती ।
सीख – इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी अपने काम से संतुष्ट नहीं होना चाहिए अपने काम में और भी बेहतर बनने की कोशिश करनी चाहिए और अगर कोई बड़ा या अनुभवी आपको परामर्श दे रहा है तो उनका अनादर बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए ।
3. moral stories for childrens in hindi – बच्चों के लिए बहुत ही अच्छी स्टोरी
समय का महत्व :-
एक बार की बात है एक लड़का था जिसका नाम था सूरज वह स्कूल गया हुआ था उसकी परीक्षा चल रही थी पर वह घर देर से लौटा जब सूरज घर पहुंचा तो उसकी मां ने कहा कि बेटा आज काफी देर कर दी परीक्षा अच्छी नहीं गई क्या। सूरज ने कहा कि मां मैं स्कूल देर से पहुंचा था जिसके कारण मुझे पेपर देर से मिला और मेरा एक आखरी सवाल छूट गया।
मुझे बहुत बुरा लग रहा है इसलिए मैं कुछ देर नदी के किनारे बैठा हुआ था इसलिए देर हो गई । तब सूरज के पिता ने कहा कि बेटा समय बहुत अनमोल है और जो समय का आदर नहीं करता समय भी उसका कभी आदत नहीं करता। जितने भी बड़े-बड़े महापुरुष हुए हैं जैसे कि महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बोस हर किसी ने समय को काफी महत्व दिया है तभी जाकर इतने सफल बन पाए।
बुजुर्गों का भी कहना है कि समय एक बहुत ही अनमोल चीज है जिसका इस्तेमाल अगर सही से ना किया जाए तो भविष्य में सिर्फ अफसोस हि रह जाता है इसलिए समय की कीमत समझो और अपना हर काम समय पर करना सीखो । सूरज की मां ने कहा कि हां बेटा यह बात सत्य है, समय बहुत ही अनमोल रत्न की तरह है दुनिया में हर किसी के पास सिर्फ 24 घंटे हैं।
और जो इसका सही इस्तेमाल करता है वह जीवन में काफी आगे बढ़ जाता है और जो इसे बर्बाद करता है वह खुद बर्बाद हो जाता है 1 मिनट की कीमत उससे पूछो जिसकी ट्रेन सिर्फ 1 मिनट देर से पहुंचने के कारण छूट गई। तब सूरज ने कहा कि मां और पिताजी मैं आपसे वादा करता हूं कि आज से मैं हर काम समय पर करूंगा और समय की इज्जत करुंगा ।
सीख :- इस कहानी से यही सीख मिलती है कि समय बहुत अनमोल है और जो इसका महत्व करेगा जीवन भी उसी का महत्व करेगी और उसे ही कामयाब बनाएगी।
4. short moral stories in hindi
एकता में बल :-
एक समय की बात है एक महिला के 5 बेटे थे पर यह 5 बेटे आपस में काफी झगड़ते रहते थे और लड़ाइयां करते रहते थे जिसके कारण इन पांचों की मां उनसे काफी परेशान थी। उनकी मां ने उन्हें एक बड़ी सीख देने के लिए और उन्हें समझाने के लिए सबको बुलाया और पांचों को एक-एक लकड़ी दी और कहा इन्हें अपने हाथों से तोड़ दो पांचों ने लकड़ियां तोड़ दी।
अब उनकी माँ ने उन पांचों को 5-5 लकड़िया एक साथ बांध कर दी और उनकी मां ने कहा कि अब इन पांचों लकड़ियों को एक बार में तोड़ दो। कोई भी बच्चा उन पांचों लकड़ियों को एक बार में तोड़ नहीं पाया। तब उनकी माँ ने समझाया कि बच्चों देखो जब लकड़ी अकेली थी तो तुमने आसानी से उसको तोड़ दिया पर जब ये 5 लकड़ियों एक साथ आ गई।
तो तुम में से कोई भी इन्हें नहीं तोड़ पाया इससे यह पता चलता है। कि एकता में बल है उसी प्रकार यदि तुम लोग पांचो मिलकर साथ रहोगे एक दूसरे का साथ दोगे तो तुमको कोई कभी भी हरा नहीं पाएगा पर यदि तुम आपस में झगड़ते रहोगे और अकेले रहोगे तो तुम लोगों को कोई भी हरा सकता है
सीख – इस कहानी से यह सीख मिलती है कि एकता में बहुत बल होता है अगर आप अकेले हो तो आप कमज़ोर हो पर जब आप सबके साथ हो तो शक्तिशाली हो ।
5. moral stories in hindi Networking Marketing
गुब्बारा :-
एक बार की बात है एक गुब्बारे वाला मेले में जाकर गुब्बारे बेचकर अपना जीवन यापन करता था । वह बच्चों के लिए सफेद, काले, हरे, पीले, नीले रंग के गुब्बारे लेकर आता था उनमें हवा भरता था और बेचा करता था । वह जब भी मेले में उसके गुब्बारों की बिक्री कम होने लगती तो वह एक गुब्बारे में हवा भरता और उसे हवा में छोड़ देता । मेले में मौजूद बच्चे जब हवा में उस गुब्बारे को देखते तो अपने मां-बाप से गुब्बारा खरीदने की जिद करने लगते और फिर से उस गुब्बारे वाले की बिक्री बढ़ जाती।
एक सांवला रंग का गरीब बच्चा बड़े गौर से उस गुब्बारे वाले को काफी समय से देख रहा था तभी गुब्बारे वाले ने एक सफेद गुब्बारे में हवा भर कर उसे हवा में छोड़ दिया । ऐसा देखते हुए वह छोटा सा बच्चा बड़ी मासूमियत से गुब्बारे वाले के पास आया और उससे पूछा कि अंकल अगर आप काले गुब्बारे में हवा भरोगे तो क्या वह भी हवा में ऊपर चला जाएगा तब उस गुब्बारे वाले ने कहा हां बिल्कुल, क्यों नहीं जाएगा । गुब्बारे वाले ने कहा कि चाहे गुब्बारे का बाहरी रंग कुछ भी हो उसके अंदर यदि हवा भरी जाए तो वह ऊपर जरूर जाएगा।
सीख – इस बात से इस बच्चे को यह सीख मिली कि आपका बाहरी रंग और रूप चाहे कैसा भी हो चाहे आप काले हो या गोरे हो , अगर आपके अंदर अच्छे विचार होंगे अच्छे गुण होंगे तो आप जीवन में ऊपर जरूर जाएंगे और एक कामयाब और अच्छे इंसान जरूर बनेंगे और दुनिया भी आपकी उतनी ही इज्जत करेगी।
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