Top 10 Moral Stories In Hindi बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी 100 BEST LIFE चैंजिंग Story जो हम Hindi Stories बताने जा रहे है उनको ध्यान से पढ़िये और उन पर अमल भी करीये की यह कहानी क्या शिक्षा देना चाहती है जिन कहानियों के पीछे नैतिकता और संदेश होते हैं वे हमेशा शक्तिशाली होती हैं वास्तव में, यह पागल है कि 200 शब्दों की कहानी कितनी शक्तिशाली हो सकती है।लघु कथाओं का हमारा पिछला लेख इतना लोकप्रिय हुआ कि हमने एक और सूची बनाने का फैसला किया, जिसमें हर कहानी के पीछे एक साधारण नैतिकता हो।
Top 10 Moral Stories In Hindi – 10 सर्वश्रेष्ठ लघु नैतिक कहानियां
इनमें से कुछ कहानियाँ बहुत छोटी और बुनियादी हैं। वास्तव में, कुछ इतने बुनियादी हैं कि वे कहीं न कहीं बच्चों की किताबों में दिखाई देते हैं। हालाँकि, संदेश की ताकत वही रहती है। यहाँ कुछ और बेहतरीन लघु नैतिक कहानियाँ दी गई हैं:
1. चार दोस्त बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी चैंजिंग Top 10 Moral Stories In Hindi
एक बार 4 कॉलेज के दोस्त मिले और अपने एक प्रोफेसर के घर चले गए , वह प्रोफेसर अब काफी बूढ़े हो चुके थे। अपने शिष्यों को देखकर प्रोफेसर काफी खुश हुए और उन्हें बैठने को कहा हर किसी ने प्रोफ़ेसर के पाँव छुए और बातें शुरू हुई। तब प्रोफेसर ने कहा कि तुम लोग यहीं बैठो मैं तुम लोगों के लिए चाय बना कर लाता हूं। जब प्रोफ़ेसर चले गए तो यह चार दोस्त आपस में बातें करने लगे।
एक ने कहा कि मेरी सैलरी काफी कम है तो दूसरे ने कहा मुझ पर काफी लोन है, तीसरे ने कहा कि मेरे पास अपना घर नहीं है तो चौथे ने कहा कि मेरे पास अपनी गाड़ी नहीं है हर कोई अपना दुख आपस में बांट रहा था और अपनी परेशानियां बता रहा था जिससे साफ पता चल रहा था कि वह चारों अपने जीवन से खुश नहीं है। यह बात प्रोफेसर दूर से सुन रहे थे तभी प्रोफेसर उन चारों शिष्यों के पास 4 कप चाय लेकर आए।
पर उसमें सबसे खास बात यह थी कि एक कप सोने की थी दूसरी चांदी की थी तीसरी कप कांसे की थी और चौथी कप कांच की थी। शिष्यों के द्वारा सबसे पहले सोने का कप उठाया गया, फिर चांदी का कप उठाया गया फिर कांसे का और आखिर में जब कोई चॉइस नहीं बची तो कांच का कप उठाया गया।
इस बात को देखकर प्रोफेसर हंसने लगे तभी शिष्यों ने अपने प्रोफेसर से पूछा कि आप हंस क्यों रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह यह चार अन्य धातुओं के कब है पर इन चारों में एक ही चीज है चाय और चाहें कप सोने का हो या चांदी का , चाहे हो कांच का पीनी तो सिर्फ चाय ही है उसी प्रकार जीवन में भी लोग सांसारिक चीजों के लोग में इतने व्यस्त हैं कि वह जीवन का आनंद नहीं उठा पा रहे और सांसारिक चीजों को पाने के लिए दुखी है क्या फर्क पड़ता है।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- इससे यह सीख मिलती है कि भले ही आपके पास अच्छी गाड़ी ना हो अच्छा घर ना हो अच्छी नौकरी ना हो पर इसके लिए दुखी ना हो जीवन में इन चीजों को मेहनत से हासिल करें पर खुश रहकर ना कि दुखी होकर।
2. मूर्तिकार आपके जीवन में बदलाब के लिए बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
एक समय की बात है एक मूर्तिकार था जो बहुत ही अच्छी मूर्तियां बनाता था वह मूर्तियां बनाकर ही उसे बेचता और अपना जीवन व्यापन करता। उसकी शादी हुई और उसका एक बेटा हुआ उसका बेटा दिमाग से काफी तेज था वह अपने पिता को देखते देखते बड़ा हुआ और बचपन से ही मूर्तियां बनाने लगा पर जब भी वह मूर्तियां बनाता तो वह अपने पिता को दिखाने के लिए ले जाता।
पर उसके पिता हमेशा उसकी मूर्ति में कुछ ना कुछ खामियां दिखा देते हैं। वह अपने पिता की बात मानकर और खामियों को दूर करने में लग जाता। समय बीतता चला गया और उस मूर्तिकार का बेटा बड़ा होता गया। वह हर बार मूर्तियां बनाता और अपने पिता को दिखाने के लिए लेकर आता और हर बार उसके पिता उसकी मूर्तियों में कुछ ना कुछ खामियां निकाल ही देते और वह अपने पिता की बात मानकर फिर से उन खामियों को दूर करने में लग जाता।
धीरे-धीरे ऐसा करते-करते उसका बेटा अपने पिता से भी ज्यादा अच्छी मूर्तियां बनाने लग गया और उसकी मूर्तियां अपने पिता की मूर्तियों से ज्यादा कीमत पर बिकने लगी पर अब भी मूर्तिकार का बेटा जब भी कोई मूर्ति बनाता तो अपने पिता के पास जरूर लेकर आता और हर बार की तरह पिता फिर से कोई न कोई खामियां उसकी मूर्ति में निकाल ही देते।
और वह अपनी पिता की बात मानकर उन खामियों को दूर करने चल देता पर अब बेटे को पिता की मूर्तियों में खामियां निकालना अच्छा नहीं लगने लगा। एक बार जब मूर्तिकार का बेटा एक मूर्ति बनाकर अपने पिता के पास लेकर गया तो फिर से मूर्तिकार ने उस में कुछ खामियां निकाल दी जिसके बाद मूर्तिकार के बेटे ने झल्लाकर अपने पिता से कहा की अगर आप इतना ही जानते तो आपकी मूर्तियां मेरी मूर्तियों से कम कीमत पर नहीं बिकती। मेरी मूर्तियां परफेक्ट है
और मुझे इन्हें सुधारने की जरूरत नहीं है इस बात को सुनकर पिता चुप हो गए और फिर कभी भी अपने बेटे की मूर्ति पर खामियां नहीं निकाली, समय बीतता गया और धीरे-धीरे मूर्तिकार के बेटे की मूर्तियों की कीमत घटने लगी और लोग उसकी मूर्तियों को ज्यादा पसंद नहीं करने लगे।
इस बात से मूर्तिकार का बेटा काफी परेशान रहने लगा और आखिर में अपने पिता के पास फिर से जाकर उसने यह समस्या बताई तब उसके पिता ने कहा कि बेटा जब मैं तुम्हारी मूर्तियों में खामियाँ निकालता था तो तुम संतुष्ट नहीं होते थे और अपनी मूर्तियों को और भी बेहतर बनाने के लिए लालायित होते थे जिसके कारण तुम्हारी मूर्तियां इतनी अच्छी बनती थी पर अब तुम अपनी मूर्तियों से संतुष्ट हो जाते हो जिसके कारण तुम्हें मूर्तियों की खामियां नहीं दिखती और इसी कारण लोगों को तुम्हारी मूर्तियां इतनी ज्यादा पसंद नहीं आती।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:– इस कहानी से यह सीख मिलती है कि जीवन में कभी भी अपने काम से संतुष्ट नहीं होना चाहिए अपने काम में और भी बेहतर बनने की कोशिश करनी चाहिए और अगर कोई बड़ा या अनुभवी आपको परामर्श दे रहा है तो उनका अनादर बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए ।
3. समय का महत्व बच्चों के लिए बहुत ही अच्छी स्टोरी Top 10 Moral Stories In Hindi for Childrens in Hindi
एक बार की बात है एक लड़का था जिसका नाम था सूरज वह स्कूल गया हुआ था उसकी परीक्षा चल रही थी पर वह घर देर से लौटा जब सूरज घर पहुंचा तो उसकी मां ने कहा कि बेटा आज काफी देर कर दी परीक्षा अच्छी नहीं गई क्या। सूरज ने कहा कि मां मैं स्कूल देर से पहुंचा था जिसके कारण मुझे पेपर देर से मिला और मेरा एक आखरी सवाल छूट गया।
मुझे बहुत बुरा लग रहा है इसलिए मैं कुछ देर नदी के किनारे बैठा हुआ था इसलिए देर हो गई । तब सूरज के पिता ने कहा कि बेटा समय बहुत अनमोल है और जो समय का आदर नहीं करता समय भी उसका कभी आदत नहीं करता। जितने भी बड़े-बड़े महापुरुष हुए हैं जैसे कि महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चंद्र बोस हर किसी ने समय को काफी महत्व दिया है तभी जाकर इतने सफल बन पाए।
बुजुर्गों का भी कहना है कि समय एक बहुत ही अनमोल चीज है जिसका इस्तेमाल अगर सही से ना किया जाए तो भविष्य में सिर्फ अफसोस हि रह जाता है इसलिए समय की कीमत समझो और अपना हर काम समय पर करना सीखो । सूरज की मां ने कहा कि हां बेटा यह बात सत्य है, समय बहुत ही अनमोल रत्न की तरह है दुनिया में हर किसी के पास सिर्फ 24 घंटे हैं।
और जो इसका सही इस्तेमाल करता है वह जीवन में काफी आगे बढ़ जाता है और जो इसे बर्बाद करता है वह खुद बर्बाद हो जाता है 1 मिनट की कीमत उससे पूछो जिसकी ट्रेन सिर्फ 1 मिनट देर से पहुंचने के कारण छूट गई। तब सूरज ने कहा कि मां और पिताजी मैं आपसे वादा करता हूं कि आज से मैं हर काम समय पर करूंगा और समय की इज्जत करुंगा ।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- इस कहानी से यही सीख मिलती है कि समय बहुत अनमोल है और जो इसका महत्व करेगा जीवन भी उसी का महत्व करेगी और उसे ही कामयाब बनाएगी।
4. एकता में बल की बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी – Short Top 10 Moral Stories In Hindi
एक समय की बात है एक महिला के 5 बेटे थे पर यह 5 बेटे आपस में काफी झगड़ते रहते थे और लड़ाइयां करते रहते थे जिसके कारण इन पांचों की मां उनसे काफी परेशान थी। उनकी मां ने उन्हें एक बड़ी सीख देने के लिए और उन्हें समझाने के लिए सबको बुलाया और पांचों को एक-एक लकड़ी दी और कहा इन्हें अपने हाथों से तोड़ दो पांचों ने लकड़ियां तोड़ दी।
अब उनकी माँ ने उन पांचों को 5-5 लकड़िया एक साथ बांध कर दी और उनकी मां ने कहा कि अब इन पांचों लकड़ियों को एक बार में तोड़ दो। कोई भी बच्चा उन पांचों लकड़ियों को एक बार में तोड़ नहीं पाया। तब उनकी माँ ने समझाया कि बच्चों देखो जब लकड़ी अकेली थी तो तुमने आसानी से उसको तोड़ दिया पर जब ये 5 लकड़ियों एक साथ आ गई।
तो तुम में से कोई भी इन्हें नहीं तोड़ पाया इससे यह पता चलता है। कि एकता में बल है उसी प्रकार यदि तुम लोग पांचो मिलकर साथ रहोगे एक दूसरे का साथ दोगे तो तुमको कोई कभी भी हरा नहीं पाएगा पर यदि तुम आपस में झगड़ते रहोगे और अकेले रहोगे तो तुम लोगों को कोई भी हरा सकता है
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- इस कहानी से यह सीख मिलती है कि एकता में बहुत बल होता है अगर आप अकेले हो तो आप कमज़ोर हो पर जब आप सबके साथ हो तो शक्तिशाली हो ।
5. गुब्बारे की Networking Marketing की Short Moral Stories Hindi
एक बार की बात है एक गुब्बारे वाला मेले में जाकर गुब्बारे बेचकर अपना जीवन यापन करता था । वह बच्चों के लिए सफेद, काले, हरे, पीले, नीले रंग के गुब्बारे लेकर आता था उनमें हवा भरता था और बेचा करता था । वह जब भी मेले में उसके गुब्बारों की बिक्री कम होने लगती तो वह एक गुब्बारे में हवा भरता और उसे हवा में छोड़ देता । मेले में मौजूद बच्चे जब हवा में उस गुब्बारे को देखते तो अपने मां-बाप से गुब्बारा खरीदने की जिद करने लगते और फिर से उस गुब्बारे वाले की बिक्री बढ़ जाती।
एक सांवला रंग का गरीब बच्चा बड़े गौर से उस गुब्बारे वाले को काफी समय से देख रहा था तभी गुब्बारे वाले ने एक सफेद गुब्बारे में हवा भर कर उसे हवा में छोड़ दिया । ऐसा देखते हुए वह छोटा सा बच्चा बड़ी मासूमियत से गुब्बारे वाले के पास आया और उससे पूछा कि अंकल अगर आप काले गुब्बारे में हवा भरोगे तो क्या वह भी हवा में ऊपर चला जाएगा तब उस गुब्बारे वाले ने कहा हां बिल्कुल, क्यों नहीं जाएगा । गुब्बारे वाले ने कहा कि चाहे गुब्बारे का बाहरी रंग कुछ भी हो उसके अंदर यदि हवा भरी जाए तो वह ऊपर जरूर जाएगा।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- इस बात से इस बच्चे को यह सीख मिली कि आपका बाहरी रंग और रूप चाहे कैसा भी हो चाहे आप काले हो या गोरे हो, अगर आपके अंदर अच्छे विचार होंगे अच्छे गुण होंगे तो आप जीवन में ऊपर जरूर जाएंगे और एक कामयाब और अच्छे इंसान जरूर बनेंगे और दुनिया भी आपकी उतनी ही इज्जत करेगी।
6. Short Moral Stories In Hindi एक गांव में बूढ़े की कहानी
गाँव में एक बूढ़ा रहता था। वह दुनिया के सबसे बदकिस्मत लोगों में से एक थे। सारा गाँव उससे थक गया था; वह हमेशा उदास रहता था, लगातार शिकायत करता था, और हमेशा बुरे मूड में रहता था जितना अधिक वह जीवित रहा, उतना ही अधिक पित्त होता जा रहा था।
और उसके शब्द उतने ही जहरीले थे लोग उससे बचते थे क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था। उसके बगल में खुश रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक भी था उसने दूसरों में दुख की भावना पैदा की। लेकिन एक दिन जब वह अस्सी साल के हुए, तो एक अविश्वसनीय बात हुई। फ़ौरन सभी को यह अफ़वाह सुनाई देने लगी:

“एक बूढ़ा आदमी आज खुश है, वह किसी भी चीज़ की शिकायत नहीं करता, मुस्कुराता है, और यहाँ तक कि उसका चेहरा भी तरोताज़ा हो जाता है।”
पूरा गांव इकट्ठा हो गया। बूढ़े आदमी से गांव के लोगो ने पूछा तुम्हें क्या हुआ?
“खास नहीं। अस्सी साल से मैं खुशी का पीछा कर रहा हूं, और यह बेकार था। और फिर मैंने खुशी के बिना जीने और जीवन का आनंद लेने का फैसला किया। इसलिए मैं अब खुश हूं।”
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- खुशी का पीछा मत करो। जीवन का आनंद लो।
7. बुद्धिमान व्यक्ति की बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी – Top 10 Moral Stories In Hindi
लोग हर बार एक ही समस्या के बारे में शिकायत करते हुए, बुद्धिमान व्यक्ति के पास आते रहे हैं। एक दिन उसने उन्हें एक चुटकुला सुनाया और सब हँस पड़े। कुछ मिनटों के बाद, उसने उन्हें वही चुटकुला सुनाया और उनमें से कुछ ही मुस्कुराए। जब उसने तीसरी बार वही चुटकुला सुनाया तो कोई और नहीं हँसा। बुद्धिमान व्यक्ति मुस्कुराया और कहा:

“आप एक ही जोक पर बार-बार नहीं हंस सकते। तो आप हमेशा एक ही समस्या के बारे में क्यों रोते रहते हैं?”
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- चिंता करने से आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, यह सिर्फ आपका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।
8. Top 10 Moral Stories In Hindi जिसमें एक मुर्ख गधे की कहानी
एक नमक बेचने वाला रोज अपने गधे पर नमक की थैली लेकर बाजार जाता था रास्ते में उन्हें एक नाला पार करना पड़ा। एक दिन गधा अचानक नदी में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में गिर गई। नमक पानी में घुल गया और इसलिए बैग ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया। गधा खुश था फिर गधा रोज वही चाल चलने लगा।

नमक बेचने वाले को चाल समझ में आ गई और उसने इसे सबक सिखाने का फैसला किया। अगले दिन उसने गधे पर एक सूती थैला लाद दिया। फिर से उसने वही चाल चली जिससे उम्मीद थी कि सूती बैग अभी भी हल्का हो जाएगा। लेकिन गीला कपास ले जाने के लिए बहुत भारी हो गया और गधे को नुकसान उठाना पड़ा। इसने एक सबक सीखा। उस दिन के बाद इसने कोई चाल नहीं चली और विक्रेता खुश था।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- भाग्य हमेशा साथ नहीं देगा।
9. एक सबसे अच्छा दोस्त होना बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
एक कहानी बताती है कि दो दोस्त रेगिस्तान से गुजर रहे थे। यात्रा के दौरान किसी समय उनके बीच बहस हो गई और एक दोस्त ने दूसरे को थप्पड़ मार दिया। जिसे थप्पड मिला, वह आहत हुआ, परन्तु बिना कुछ कहे रेत में लिख दिया।
“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे चेहरे पर थप्पड़ मारा।”
वे तब तक चलते रहे जब तक उन्हें एक नखलिस्तान नहीं मिला, जहाँ उन्होंने स्नान करने का फैसला किया। जिसे थप्पड़ लगा था वह कीचड़ में फंस गया और डूबने लगा, लेकिन दोस्त ने उसे बचा लिया। निकट डूबने से उबरने के बाद, उन्होंने एक पत्थर पर लिखा।
“आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी जान बचाई।”

जिस दोस्त ने थप्पड़ मारा था और अपने सबसे अच्छे दोस्त को बचाया था, उसने उससे पूछा;
“जब मैंने तुम्हें चोट पहुँचाई, तो तुमने रेत में लिखा, और अब तुम एक पत्थर पर लिख रहे हो, क्यों?”
दूसरे मित्र ने उत्तर दिया, “जब कोई हमें चोट पहुँचाता है तो हमें उसे रेत में लिख देना चाहिए जहाँ क्षमा की हवाएँ उसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे पत्थर पर उकेरना चाहिए, जहां कोई हवा उसे मिटा नहीं सकती। ”
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- अपने जीवन में जो चीजें हैं उन्हें महत्व न दें। लेकिन जो आपके जीवन में है उसे महत्व दें।
10. बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी चार अच्छे छात्रों की कहानी
एक रात चार कॉलेज के छात्र देर रात पार्टी कर रहे थे और अगले दिन होने वाली परीक्षा के लिए अध्ययन नहीं कर रहे थे। सुबह में, उन्होंने एक योजना के बारे में सोचा। वे तेल और गंदगी से अपने आप को गंदा दिखा रहे थे। फिर वे काँलेज के अध्यक्ष के पास गए और कहा कि वे कल रात एक शादी में गए थे और वापस जाते समय उनकी कार का टायर फट गया और उन्हें कार को पीछे धकेलना पड़ा।
इसलिए वे परीक्षा देने की स्थिति में नहीं थे अध्यक्ष ने एक मिनट के लिए सोचा और कहा कि वे 3 दिनों के बाद फिर से परीक्षण कर सकते हैं। उन्होंने उसे धन्यवाद दिया और कहा कि वे उस समय तक तैयार हो जाएंगे।
तीसरे दिन वे अध्यक्ष के सामने पेश हुए। अध्यक्ष ने कहा कि चूंकि यह एक विशेष स्थिति परीक्षण था, इसलिए चारों को परीक्षण के लिए अलग-अलग कक्षाओं में बैठना आवश्यक था। वे सभी सहमत थे क्योंकि उन्होंने पिछले 3 दिनों में अच्छी तैयारी की थी।

टेस्ट में कुल 100 अंकों के साथ केवल 2 प्रश्न थे:
1.) आपका नाम? __________ (1 अंक)
2.) कौन सा टायर फट गया? __________ (99 अंक)
विकल्प – (A) फ्रंट लेफ्ट (B) फ्रंट राइट (C) बैक लेफ्ट (D) बैक राइट
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- जिम्मेदारी लें या आप अपना सबक सीखेंगे।
11. लालची शेर बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
यह एक अविश्वसनीय रूप से गर्म दिन था, और एक शेर को बहुत भूख लग रही थी वह अपनी मांद (गुफ़ा) से बाहर आया और इधर-उधर खोजा। उसे केवल एक छोटा खरगोश ही मिला। उसने कुछ झिझक के साथ खरगोश को पकड़ लिया। “यह खरगोश मेरा पेट नहीं भर सकता,” शेर ने सोचा।
जैसे ही शेर खरगोश को मारने ही वाला था, एक हिरण उसी तरफ भागा। शेर लालची हो गया। उसने सोचा “इस छोटे से खरगोश को खाने के बजाय, मुझे बड़े हिरण को खाने दो।” उसने खरगोश को जाने दिया और हिरण के पीछे चला गया। लेकिन हिरण जंगल में गायब हो गया था। शेर को अब खरगोश को छोड़ देने का दुख हुआ।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- हाथ में एक पक्षी झाड़ी में दो के बराबर है। (नौ नगद न तेरह उधार)
12. Top 10 Moral Stories In Hindi में दो दोस्त और भालू
विजय और राजू दोस्त थे। छुट्टी के दिन वे प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेते हुए जंगल में घूमने गए। अचानक उन्होंने देखा कि एक भालू उनके पास आ रहा है। वे भयभीत हो गए। राजू, जो पेड़ों पर चढ़ने के बारे में सब जानता था, एक पेड़ पर चढ़ गया और जल्दी से ऊपर चढ़ गया। उसने विजय के बारे में नहीं सोचा। विजय को नहीं पता था कि पेड़ पर कैसे चढ़ना है।
विजय ने एक सेकंड के लिए सोचा। उसने सुना होगा कि जानवर शवों को पसंद नहीं करते हैं, इसलिए वह जमीन पर गिर गया और अपनी सांस रोक ली। भालू ने उसे सूँघा और सोचा कि वह मर चुका है। तो, यह अपने रास्ते पर चला गया।
राजू ने विजय से पूछा “भालू ने तुम्हारे कानों में क्या फुसफुसाया?”
विजय ने उत्तर दिया “भालू ने मुझे तुम्हारे जैसे दोस्तों से दूर रहने के लिए कहा” … और अपने रास्ते चला गया।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- मित्र वही जो मुसीबत में काम आये।
13. हमारे जीवन के संघर्ष बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
एक बार की बात है, एक बेटी ने अपने पिता से शिकायत की कि उसका जीवन दयनीय है और उसे नहीं पता कि वह इसे कैसे बनाने जा रही है वह हर समय लड़ते-लड़ते थक चुकी थी। ऐसा लग रहा था जैसे एक समस्या हल हो गई, दूसरी जल्द ही आ गई। उसका पिता, एक पेशेवर रसोइया, उसे रसोई घर में ले आया। उसने तीन घड़ों को पानी से भर दिया और प्रत्येक को तेज आग पर रख दिया।
एक बार जब तीन बर्तन उबलने लगे, तो उसने एक बर्तन में आलू, दूसरे बर्तन में अंडे और तीसरे बर्तन में कॉफी बीन्स को पीस लिया। फिर उसने अपनी बेटी से एक शब्द कहे बिना, उन्हें बैठने और उबालने दिया। बेटी कराह रही थी और बेसब्री से इंतजार कर रही थी, सोच रही थी कि वह क्या कर रहा है बीस मिनट के बाद उसने बर्नर बंद कर दिए।
उसने आलू को बर्तन से निकाल कर एक प्याले में रख दिया। उसने अंडों को बाहर निकाला और एक कटोरे में रख दिया। फिर उसने कॉफी को बाहर निकाला और एक कप में रख दिया। उसकी ओर मुड़कर उसने पूछा। “बेटी, क्या देखती हो?”
“आलू, अंडे और कॉफी,” उसने झट से जवाब दिया।
“करीब देखो,” उन्होंने कहा, “और आलू को छूएं।” उसने किया और नोट किया कि वे नरम थे।
फिर उसने उसे एक अंडा लेने और उसे तोड़ने के लिए कहा। खोल को हटाने के बाद, उसने कठोर उबले अंडे को देखा। अंत में, उसने उसे कॉफी पीने के लिए कहा। इसकी समृद्ध सुगंध ने उसके चेहरे पर मुस्कान ला दी।
“पिताजी, इसका क्या मतलब है?” उसने पूछा।
फिर उन्होंने समझाया कि आलू, अंडे और कॉफी बीन्स प्रत्येक को एक ही प्रतिकूलता का सामना करना पड़ा-उबलते पानी। हालांकि, सभी ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी। आलू मजबूत, कठोर और अथक रूप से चला गया, लेकिन उबलते पानी में, यह नरम और कमजोर हो गया।
अंडा नाजुक था, पतला बाहरी आवरण इसके तरल आंतरिक भाग की रक्षा करता था जब तक कि इसे उबलते पानी में नहीं डाला जाता। फिर अंडे के अंदर का भाग सख्त हो गया। हालांकि, ग्राउंड कॉफी बीन्स अद्वितीय थे। उबलते पानी के संपर्क में आने के बाद, उन्होंने पानी बदल दिया और कुछ नया बनाया।
“तुम कौनसे हो?” उसने अपनी बेटी से पूछा।
“जब विपत्ति आपके दरवाजे पर दस्तक देती है, तो आप कैसे प्रतिक्रिया देते हैं? क्या आप आलू, अंडा या कॉफी बीन हैं?”
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- जीवन में, चीजें हमारे आस-पास होती हैं, चीजें हमारे साथ होती हैं, लेकिन केवल एक चीज जो वास्तव में मायने रखती है, वह यह है कि आप इस पर प्रतिक्रिया कैसे करते हैं और आप इससे क्या बनाते हैं। जीवन उन सभी संघर्षों को सीखने, अनुकूलित करने और परिवर्तित करने के बारे में है जो हम कुछ सकारात्मक में अनुभव करते हैं।
14. लोमड़ी और अंगूर की कहानी Top 10 Moral Stories In Hindi
एक दोपहर एक लोमड़ी जंगल में घूम रही थी और उसने देखा कि अंगूरों का एक गुच्छा एक ऊँची डाली पर लटक रहा है।
“बस मेरी प्यास बुझाने की बात है,” उसने सोचा। कुछ कदम पीछे हटते हुए, लोमड़ी कूद गई और बस लटके हुए अंगूरों से चूक गई। फिर से लोमड़ी कुछ कदम पीछे हटी और उन तक पहुँचने की कोशिश की लेकिन फिर भी असफल रही।
अंत में, हार मान ली, लोमड़ी ने अपनी नाक घुमाई और कहा, “वे शायद वैसे भी खट्टे हैं,” और आगे बढ़ने के लिए आगे बढ़ी।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- जो आपके पास नहीं है उसका तिरस्कार करना आसान है।
15. Short Moral Story In Hindi शेर और गरीब गुलाम
एक दास, अपने स्वामी द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने पर, जंगल की ओर भाग जाता है। वहाँ वह एक शेर के पास आता है जो उसके पंजे में काँटा होने के कारण दर्द में होता है दास बहादुरी से आगे बढ़ता है और धीरे से कांटा निकालता है। शेर उसे चोट पहुँचाए बिना चला जाता है।
कुछ दिनों बाद, गुलाम का मालिक शिकार के लिए जंगल में आता है और कई जानवरों को पकड़ता है और उन्हें पिंजरे में बंद कर देता है। दास को स्वामी के आदमियों द्वारा देखा जाता है जो उसे पकड़ लेते हैं और क्रूर स्वामी के पास ले आते हैं।
गुरु दास को शेर के पिंजरे में डालने के लिए कहता है गुलाम पिंजरे में अपनी मौत का इंतजार कर रहा है जब उसे पता चलता है कि यह वही शेर है जिसकी उसने मदद की थी। दास ने शेर और अन्य सभी बंदी जानवरों को बचाया।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- दूसरों की ज़रूरत में मदद करनी चाहिए, बदले में हमें अपने मददगार कार्यों का फल मिलता है।
16. सुनहरा स्पर्श बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
एक बार मिदास नाम का एक राजा था जिसने एक व्यंग्यकार के लिए अच्छा काम किया था। और फिर उसे शराब के देवता डायोनिसस द्वारा एक इच्छा दी गई। उसकी इच्छा के लिए, मिडास ने पूछा कि वह जो कुछ भी छूएगा वह सोने में बदल जाएगा। डायोनिसस के इसे रोकने के प्रयासों के बावजूद, मिडास ने निवेदन किया कि यह एक शानदार इच्छा थी, और इसलिए, इसे प्रदान किया गया।

अपनी नई अर्जित शक्तियों से उत्साहित मिडास ने हर वस्तु को शुद्ध सोने में बदलकर हर तरह की चीजों को छूना शुरू कर दिया।लेकिन जल्द ही, मिडास भूखा हो गया। जैसे ही उसने खाने का एक टुकड़ा उठाया, उसने पाया कि वह उसे खा नहीं सकता। उसके हाथ में सोना हो गया था।
भूखा, मिडास कराह उठा, “मैं भूखा रहूँगा! शायद यह इतनी बेहतरीन इच्छा नहीं थी!”
उसकी निराशा को देखकर, मिदास की प्यारी बेटी ने उसे सांत्वना देने के लिए उसके चारों ओर हाथ फेरा, और वह भी सोने की हो गई। “सुनहरा स्पर्श कोई आशीर्वाद नहीं है,” मिडास रोया।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- लालच हमेशा पतन की ओर ले जाता है।
17. Top 10 Moral Stories In Hindi – दो पत्थरों की कहानी संघर्ष ही जीवन
एक मंदिर था जिसमें एक बेहद खूबसूरत भगवान की पत्थर की मूर्ति थी वहाँ हर रोज़ उस मूर्ति पर फूल मालाएँ चढ़ाई जाती, धूप व अगरबत्ती के साथ लोग जोत लगाते और प्रसाद चढ़ाते। लोग खूब दिल खोलकर दान करते खूब चढ़ावा आता जैसा कि अक्सर मंदिरों में होता है।
हर रोज़ का यही काम सालों से चला आ रहा था लोग उस मंदिर की मूर्ति में ही भगवान का स्वरूप देखते थे ये सब देखकर उस मंदिर के फर्श का पत्थर उस मंदिर की मूर्ति से ईर्ष्या करने लगा। एक दिन उस मंदिर के फर्श के पत्थर से रहा ना गया और उस मंदिर की मूर्ति से फर्श का पत्थर बोला…कि मैं भी पत्थर तू भी पत्थर लेकिन तेरी इतनी इज्जत की लोग तुझे पूजते हैं और मुझे पैरों के नीचे रौंदते हैं। ऐसा क्यों…
फर्श के पत्थर ने कहा ईर्ष्या होती है मुझे तुम से ऐसा सुनकर मूर्ति का पत्थर फर्श के पत्थर की मन की सारी बात समझ चुका था सब सुनने के बाद मूर्ति का पत्थर बोला अच्छा तो अगर तुम मेरे बारे में ऐसा सोचते हो तो सुनो…
मूर्ति वाले पत्थर ने कहा…माना के मैं भी पत्थर तू भी पत्थर लेकिन तूने यहाँ तक आने में कुछ भी कष्ट तो नहीं सहा तुझे पहाड़ से काटा और कुछ घिसाई के बाद यहाँ फर्श पर बिछा दिया गया। और काम खत्म कर दिया गया। लेकिन मुझे कितने कष्ट सहन करने पड़े ये तुझे नहीं पता।
मुझे पहाड़ से मशीनों से काटा जाने के बाद ले जाकर एक कारीगर को सौंप दिया गया। कारीगर ने छैनी और हथौड़ों से मुझे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा मेरे शरीर के एक एक हिस्से पर हज़ारों बार हथौड़ों और छैनी से वार किए। बहुत दर्द हुआ मुझे मैं हर वार के साथ कराह उठता था मैं रोता बिलखता तिल-तिल करके मरता। मग़र किसको कहता कौन था जो मुझे इस दर्द से बचा सकता था मैंने बहुत कष्ट सहे।
सिर्फ ईश्वर को याद किया के अब सब तेरे हाथ है अग़र तूने ये कष्ट ही दिया है तो मुझे तेरा ये कष्ट भी कुबूल मैं उन दिनों बहुत कष्ट और पीड़ा झेलता था लेकिन फिर बड़े इंतजार के बाद वो दिन आया के वो सब कष्ट और पीड़ा के दिन भी खत्म हो गए। और कारीगर ने मुझे चोट पहुँचाना बंद कर दिया।
फिर मैंने पाया के उस दर्द और कष्ट के कारण मैं बहुत बदल गया था। जिस कारीगर ने मुझ पे छैनी और हथौड़े से चोट की थी उसने मेरे स्वरूप को ही बदल दिया था मैं पहले बहुत ही बेडौल और बदसूरत था। लेकिन अब मेरी काया पलट चुकी थी। मैं सुडौल और सुंदर हो चुका था।
पहले मैं बिल्कुल बेढंगा और बहुत ही कुरूप था लेकिन अब मैं बहुत ही खूबसूरत हो चुका था। और लगभग इन्सान स्वरूप हो गया था और फिर एक दिन मुझे यहाँ एक अनुष्ठान के बाद मंदिर में लाकर स्थापित कर दिया गया।
आज लोग मुझे भगवान मानते हैं मेरी आरती उतारते हैं पूजा करते हैं तो तुम्हें ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए, पता है क्यूं …क्योंकि मैंने दुःख और कष्ट सहा। जब दुःख और कष्ट मैंने सहन किया तो सम्मान का हक़दार भी तो मुझे ही होना चाहिए। जब तुमने दुःख और कष्ट ही नहीं सहा तो तुम्हें मेरे जितना मान-सम्मान कैसे मिल सकता है और तुम इसकी उम्मीद भी कैसे कर सकते हो।
तो दोस्त यही कारण है की हम दोनों पत्थर होते हुए भी आज हम दोनों के महत्व में इतना फ़र्क है इतना सुनकर फ़र्श का पत्थर रोने लगा क्योंकि अब उसे अपने किये पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी और फिर उसने मूर्ति के पत्थर से माफ़ी मांगी। के दोस्त मुझे माफ़ कर दो। मैं तुमसे बेकार ही ईर्ष्या कर रहा था। वाकई तुमने बहुत कष्ट सहे सचमुच तुम ही इस सम्मान के हक़दार हो जो तुम्हें मिल भी रहा है और मिलना भी चाहिए।
(Top 10 Moral Stories In Hindi) Friends मुझे नहीं पता के ये कहानी किसने कही और इसमें कितनी सच्चाई है, सच भी है या किसी लेखक की कल्पना लेकिन इतना ज़रूर है कि जिसने भी ये कहानी पहली बार कही होगी। अग़र हम समझें तो इस कहानी के माध्यम से लेखक ने बहुत ही motiwationl और inspirational message दिया है इस कहानी के माध्यम से हमें कई शिक्षा मिलती है जिसमें से कुछ यहाँ शेयर कर रहा हूँ।
शिक्षा देने वाली कहानी से सीख:- Top 10 Moral Stories In Hindi इस कहानी के माध्यम से हमें कई शिक्षा मिलती है
- कई बार दुसरे लोगों को जो सम्मान मिल रहा होता है हम उससे ईर्ष्या करने लगते हैं बग़ैर ये जाने के सामने वाले व्यक्ति ने उसके पहले कितनी मेहनत की होगी कितना त्याग किया होगा और कितना कष्ट सहा होगा, उस सम्मान को पाने के लिए जो उसको आज वो मान-सम्मान मिल रहा है।तो हमें दूसरों की सफलता से ईर्ष्या ना करके, हम कैसे आगे बढ़ें कैसे सफलता और name fame पाएं इस तरफ अपनी energy लगानी चाहिए।
- ईश्वर कभी किसी की मेहनत बेकार नहीं जाने देता। वैसे भी दोस्तों आपने अपनी जिंदगी में आज तक जो भी किया फिर चाहे वो अच्छा हो या बुरा आपकी ज़िंदगी में directly या फिर indirectly काम ही आता है क्योंकि हर काम आपका अनुभव बन गया होता है फिर आगे आप उसी अच्छे -बुरे अनुभव के आधार पर सही या गलत निर्णय लेते हैं वैसे इसमें कोई दोराय नहीं कि जिसको जितना कष्ट और परेशानी झेलने को मिलती है सफलता और फूलों के हार भी उनके हिस्से में आते हैं।
- जब भी जिंदगी में कष्ट आए तो समझें हमारी परीक्षा हो रही है मुसीबतों से घबराओं नहीं आखिर दुःख के बाद सुख की ही बारी होती है कई बार जब हमारी life में कष्ट होता है हम depressed और eritated हो जाते है जो हमें कहीं ना कहीं nagative zone में ले जाते हैं फिर इसे हम समझ पाएं या ना समझ पाएं ऐसे में possitive सोचें और पूरे मन से उस समस्या को सुलझाने में लग जाएं। अगर आप मन से कोशिश करेंगे तो सफलता एक न एक दिन मिल ही जाएगी।
18. कछुए और खरगोश की कहानी New Version Top 10 Moral Stories In Hindi
आपने कछुए और खरगोश की कहानी तो बचपन में पढ़ी ही होगी। कि कैसे कछुए और ख़रगोश में एक race competition होता है और फिर ख़रगोश उससे आगे निकल जाने के बाद सोचता है कि थोड़ा आराम कर लूं। और फिर उसको नींद आ जाती है लेकिन कछुआ धीरे -धीरे ही सही लेकिन चलता रहता है और ख़रगोश से पहले मंजिल पर Pahuch Jata है ख़रगोश अपनी मूर्खता से हार जााता है और कछुआ मंजिल पर पहुँच कर रेस जीत लेता है।
लेकिन मैं आज आपको कछुए और ख़रगोश की New Version कहानी बताता हूँ। जो आज के युग के हिसाब से बिल्कुल सही बैठती है क्योंकि आजकल जो दौर है वो कुछ इस तरह का ही है एक बार एक कछुए को घमंड हो जाता है कि वो सर्वश्रेष्ठ है। और उसके जैसा कोई नहीं और वो जंगल मे जिसे देखो कहता …हूँ…क्या बात है मियां रेस करोगे मेरे साथ और हर कोई उसकी कोई ना कोई बहाना बनाकर बात टाल देता।
एक दिन वो ऐसे ही घुमता-घुमता कछुए के पास जा पहुँचा कछुआ भी जंगल में अपने दोस्तों के साथ घूमने निकला था ख़रगोश बोला …छुटकू मियां रेस करोगे मेरे साथ। काफ़ी देर तक तो कछुआ मना करता रहा। लेकिन कछुए के दोस्तों के उकसाने पर कछुआ राज़ी हो गया।उनकी रेस हुई ख़रगोश कछुए को पीछे छोड़ बोहोत आगे निकल गया।
जो कि होना ही था। रास्ते में उसने सोचा कछुआ बोहोत पीछे रह गया है। मैं तब तक थोड़ा आराम कर लूं। और थकान की वजह से उसको नींद आ गयी। कछुआ लगातार चलता रहा और जीत गया। जब तक ख़रगोश जगा कछुआ रेस जीत चुका था।
अब आप जरा इस कहानी को दूसरी तरह से सोचें...Top 10 Moral Stories In Hindi
अगर Common Sense से देखें तो क्या कछुआ ख़रगोश से रेस में जीत सकता है जवाब होगा…नहीं….बल्कि मैं कहूँगा कभी नहीं… मैं मानता हूँ जिस जमाने में ये कहानी बताई जाती थी उसके हिसाब से ये ठीक थी और जहाँ तक इसके लिखने वाले कि सोच की बात करें तो वो ये होगी…
कि उसको लोगों को ये समझाना था की लगातार कोशिश करने से आप हर मंज़िल को पा सकते है और सामने वाले के सिर्फ ताकतवर होने से ही हार मत मानिये जीत और हार होंसले से तय होती है लेकिन अगर देखा जाए तो जो जीत किसी की मूर्खता की वजह से हुई हो। उसे भी तो सही मायनों में जीत नहीं कह सकते। देखा जाए तो कछुए की जीत सिर्फ और सिर्फ ख़रगोश की मूर्खता की वजह से हुई। अगर ख़रगोश सोता नहीं तो ….
कछुआ कभी भी नहीं जीत सकता था और आज मेरे इस Topic पर लिखने का मुख्य कारण ये है के आज भी बोहोत लोग ऐसे है जो ये सोचते है कि हम भी धीरे-धीरे चलकर एक दिन अपने टारगेट को पा लेंगे। दोस्तों इंसान धरती के सब जीवों में सबसे ज्यादा समझदार माना जाता है।
हमारा भी ये फ़र्ज़ बनता है कि हम हट कर सोचें हम इंसान हैं और जीतना हमारे खून में है हमारी जीत किसी भाग्य की मोहताज नहीं। दोस्तों माना के रुकने और बैठने से बेहतर है चला जाए। चाहे वो धीरे से ही सही लेकिन दोस्तों आज समय बदल चुका है कब कौन आकर आपको पीछे छोड़ देगा आपको पता भी नहीं चलेगा।
आज का समय और लोग दोनों बोहोत तेजी से दौड़ रहे है तो कहीं ऐसा ना हो कि हम कछुए की तरह सोचते रहे। और ज़रूरी नहीं कि हम भी कछुए की तरह किस्मत वाले हो ये बोहोत ही सोचने वाली बात है। तो कहीं ऐसा ना हो हम पिछड़ जाए। और खुद को ये दिलासा ही देते रहें के हम चल तो रहे थे किस्मत ने साथ नहीं दिया और फिर वक़्त निकल जाए।
19. Hindi Story With Moral टालना सीखना भी ज़रूरी है शार्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी
हिंदी मोरल स्टोरी टालना भी चाहिए दोस्तों हमारी जिंदगी में हर रोज़ नए उतार-चढ़ाव आते हैं इंसान जब से पैदा होता है। बचपन,किशोरावस्था,जवानी और बुढ़ापा हर रोज़ नई समस्या। लेकिन आजकल की भागमभाग भरी जिंदगी में जो सबसे ख़राब चीज़ है वो है वो है (छोटी-छोटी बातों को भी बहुत बड़ा बना देना) यानि बहुत ज्यादा तूल दे देना।
माना कि हमें सभी बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और फिर उस पर अमल करना चाहिए। लेकिन दोस्तों कई बार मैंने देखा है कि हम बेकार की बातों को भी बड़े शौक से सुनते है। और तुरंत रिएक्शन दे देते हैं जिसके परिणाम हमें उस वक़्त नहीं तो बाद में भुगतने पड़ते हैं। कई बार तो वो परिणाम बोहोत गम्भीर भी होते हैं,,,जैसे मैं आपको आज का ही वाकया बताता हूँ।
मैं और मेरा दोस्त हम अपने किसी दोस्त के पास कुछ काम से गये हुए थे। हमने देखा दो जवान लड़के आमने-सामने खड़े हुए है और आपस में एक दूसरे को गाली-गलौच कर रहे हैं जब तक हम बाहर आये हमने देखा वो आपस में भिड़ चुके थे।वो उसको मार और पटक रहा था और वो उसको।ये देख सब राहगीर तो रुककर उनका तमाशा देख ही रहे थे।
मगर उनमे से रुकने का कोई नाम नहीं ले रहा था।इस दौरान वो लड़ते-लड़ते जिस गाड़ी से हम गए थे वो उसके पास आते चले गए। और एक ने उस दूसरे लड़के को उस गाड़ी पर दे मारा। जिससे उस लड़के को तो हल्की चोट आई ही साथ ही गाड़ी का साइड वाला शीशा भी टूट कर नीचे गिर गया।
वो तो हमने और कुछ लोगों ने बीच-बचाव करके उनको छुड़वा दिया वरना वो तो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे अब बात ये है कि उनमें से अगर एक भी बंदा समझदार होता और ज़रा भी समझदारी से काम लेता तो ये झगड़ा शुरू होने से पहले ही खत्म हो सकता था।
अगर उनमे से कोई भी एक ये सोचता के छोड़ो यार झगड़े में क्या रखा है। एक अगर अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है तो दूसरा ये सोच लेता की नहीं यार मुझे इसकी नहीं सुनना और(टालना) है तो ये झगड़ा ही ना होता। मगर दोनों अड़े रहे। और उसका परिणाम क्या हुआ आपको पता ही है। दोस्तों मैं मानता हूँ इस तरह अपशब्दों को सुनना या सुनकर अनदेखा और अनसुना करना थोड़ा मुश्किल है।
पर आप यकीन मानिए नामुमकिन नहीं।और जो व्यक्ति ऐसा करने में ऐसे समय मे समर्थ हो जाता है।वो आदमी कभी जिंदगी में पीछे नहीं रह सकता। उसे एक न एक दिन वो कामयाबी ज़रूर मिलेगी जिसका उसने या उसके परिवार ने सपना देखा है। क्योंकि दोस्तों हमारी जिंदगी में जो हमारे और हमारी मंज़िल के बीच में जो बाधाएं हैं।
चाहे वो शारीरिक हो,आर्थिक हो या फिर सामाजिक सिर्फ उनसे लड़ना ही और उनसे पार पाना ही इस बात की गारंटी नहीं है के आप सफ़ल हो जाओगे। जब तक आप इस तरह की बेकार की मुसीबतों को नहीं टालोगे। इन सब समस्याओं से भी हमें अपने आप को बचाना होगा। तभी हम सफलता के उस मुकाम पर पहुँच सकते है।
टालना सीखना भी ज़रूरी है शार्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी Hindi Story With Moral :- तो दोस्तों फालतू की बातों को टालते हुए। अपने आप को कूल रखना है। और सक्सेस होना है। क्योंकि दोस्तों बदले कभी पूरे नहीं होते और किसी के पूरे नहीं होते।
20. मोरल स्टोरीज इन हिंदी घर देख कर खाओ,दूसरों को देख कर कमाओ Short Stories in Hindi
हमारा भारत देश विविधताओं से भरा देश है। यहाँ हर जाति धर्म-सम्प्रदाय के लोग रहते हैं। और यहाँ पर हर क्षेत्र में अलग-अलग हज़ारों भाषाएं बोली जाती हैं । और साथ ही हर भाषा की एक अलग पहचान और अलग मिठास भी है। आपने देखा होगा अपने भारत देश में felling को express करने के लिए लोकोक्तियों और मुहावरों का प्रयोग बहुतायत संख्या में किया जाता है।
मुहावरों का प्रयोग करने वालों की एक अलग ही श्रेणी है, यानि ये कुछ अलग तरह की सोच वाले इन्सान होते है औरों से जरा हट के गहरे नजरिये वाले लोग। जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग होते हैं Well Expirenced ये लोग आम बोलचाल की भाषा में भी इन मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग कर सामने वाले व्यक्ति को इस कदर प्रभावित और मंत्रमुग्ध कर देते हैं। कि जिसका कोई तोड़ हो ही नहीं सकता।
वो हर बात पर कोई न कोई दोहा,मुहावरा, लोकोक्ति गाहे-बगाहे बोल ही देते हैं, जो आपने भी शायद कभी न कभी ज़रूर सुना हो। इसी तरह से title और नीचे दी गयी ये कहावत भी बहुत मशहूर है। खासतौर से ग्रामीण क्षेत्र में जब बड़े बुजुर्ग किसी भी व्यक्ति को फिजूलखर्च करते देखते हैं या नकारा देखते हैं जो काम धंधा नहीं करता, या इनमे से दोनो ही अवगुण पाने पर वे इस लोकोक्ति को बोलने से नहीं चूकते और कहते हैं कि बेटा…
आज भले ही इंसान ने कितनी भी तरक्की कर ली हो, और आपको टेलीविजन या यूट्यूब या फिर इंटरनेट के किसी भी माध्यम से ज्ञान मिल जाता हो। लेकिन आज भी बड़े बुजुर्गों की सटीक बात और मिसालों का कोई मुकाबला नहीं। क्योंकि उनकी बातें प्रैक्टिकल होती है उन्होंने उन समस्याओं को और उनके समाधानों को जीया होता है। इसलिए जो कम शब्दों में ज्यादा गहरे तक वार करने वाली उनकी मिसालों में यथार्थ और सच्चाई है वो इंटरनेट या किसी किताब में कभी नहीं हो सकती।
उनकी एक -एक मिसाल सैंकड़ों मायने लिए होती है। अगर हम गौर करें तो कोई- कोई बुजुर्ग तो अपने आप में एक यूनिवर्सिटी होता है बस निर्भर करता है। हम उनको किस तरह से लेते हैं और समझते हैं किस तरह से लेने से मेरा मतलब है के हम उनकी बातों को हल्के में लेते हैं या भारी में… या यूं कहें गहरे और Seriously में सुनते हैं तो ही हम उनकी बात को अच्छे से समझ सकते हैं।
वरना सुनना और ना सुनना बेकार है वैसे एक बात गौर करने लायक है … जिसने भी ये मिसाल पहली बार कही होगी कितना अनुभवी रहा होगा वो शख्स उसने जीवन को कितने करीब से जाना होगा। इस मिसाल के माध्यम से वो कह रहे है कि घर देखकर खाओ… यानि ज्यादा चकाचौंध में नहीं पड़ना चाहिए। आदमी को अपना घर यानि के अपनी Financial Condition को देखना बहुत ज़रूरी है खाने से उनका मतलब सिर्फ खाने से नहीं Over All Utilization से उपभोग से है ज्यादा किसी दुसरे व्यक्ति से होड़ ठीक नहीं होती।
अपनी Current Situation को ध्यान में रखना और फिर उसी हिसाब से देख कर खर्च ज़रूरी होता है वरना सिवाय नुकसान कुछ हाथ नहीं आएगा। फिर आगे कहा है … दूसरों को देख कर कमाओ। यानि अगर होड़ ही करनी है तो करो लेकिन कमाने में। इस मामले में उन्होंने भी छूट दे दी कि देखो.. लोगों को के वो कैसे इज्जत, दौलत, शोहरत कमा रहे हैं, और कितना कमा रहे हैं और फिर तुम भी उतना या हो सके तो उनसे भी ज्यादा कमाने में जुट जाओ। ये कहना गलत न होगा के कम शब्दों में बहुत बड़ी सीख है। अगर हम समझें तो।
21. Top 10 Moral Stories In Hindi बिरयानी बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी 100 BEST LIFE चैंजिंग Story
जोधपुर एक ऐसा गांव है जहां के लोगों को उनके घर के खाने के अलावा बाहर के खाने के बारे में कुछ भी पता नहीं है। ऐसे गांव में संकट नाम का एक व्यक्ति ने बड़ी सी बिरियानी की होटल खोली है। जोधपुर वालों के लिए बिरयानी एक नया शब्द था, इसलिए जिसके पास पैसे होते थे। वो संगत की होटल में बिरयानी खाने के लिए जाते थे। क्योंकि संकट के होटल की बिरयानी तो बहुत बढ़िया थी, लेकिन वहां के दाम भी इतने ही थे।
सुमित तुमने सुना है। गांव में जहां देखो संगत की होटल की बिरयानी की बात चल रही है। सुना है कि वह बहुत स्वादिष्ट थे। चलो हम भी जाकर एक बंद का गिराते हैं। अरे अमित तुमने ये तो सुन लिया कि शंकर के बिरयानी बहुत स्वादिष्ट है , लेकिन क्या तुमने ये सुना है कि उसके बिरयानी सिर्फ अमीर लोग ही खा रहे हैं। गरीब के लिए वह कोई जगह नहीं है।
शोर सुनकर अमित और सुमित दोनों भाई चुप हो जाते हैं। अमित एक किसान है और उसका भाई सुमित मुर्गियों का व्यापार करने वाला है। संकट इन दोनों भाईयों से मुर्गी और चावल खरीदता है। क्योकि अमित और सुमित के चावल और मुर्गी तो बहुत ही अच्छे होते हैं।
क्या बात है सुमित मैंने सुना है की तुम मेरेआदमियों को चिकन नहीं दे रहे हो। आपके आदमी मुर्गी का दाम बहुत कम देते है पर लेकर जाते हैं। ताजा चिकन मैं तो मैं हर रोज ऐसा ही देता रहूँगा तो एक दिन मुझे दुकान बंद करनी पड़ेगी। अगर मुझे चिकन नहीं देगा तो तेरी दुकान वैसे भी एक बंद हो जाएगी। ये बात याद रखना।
ऐसे चेतावनी देते हुए संकट वहां से चला जाता है। उसके जाने के बाद सुमित अपने भाई अमित के पास जाता है और संकट ने जो कहा वो अपने भाई से कहता है। उसकी बात सुनने के बाद अमित। वो तो इतनी महंगी बिरयानी बेचता है, और सामान सस्ते में चाहिए। वो हमारी दुकान बंद करवाए ना करवाए। लेकिन हमें उसे सबक सिखाना ही होगा भाई ।
ऐसा कहते हुए अमित और सुमित दोनों भाई मिलकर बिरयानी बनाकर सड़क के किनारे रेडी पर सिर्फ ₹50 प्लेट में बिरयानी बेचते हैं। इसलिए गांव के सभी लोग उनसे बिरयानी खरीदने के लिए आते हैं और खाने के बाद उन्हें स्वाद भी पसंद आता है।
अरे, वाह, अमित और सुमित। मुझे नहीं पता था कि बिरयानी कितने स्वादिष्ट होती है। मेरे पास कभी इतने पैसे ही नहीं थे कि मैं वो बड़ी सी होटल में जाकर बिरयानी का सकूं। हां, मैं पहली बार ही खा रहा हूं काफी अच्छी। अगर ये हर रोज खाने को मिले तो मज़ा आएगा। कोई बात नहीं है बायो। ये पहली बार जरुर है लेकिन आखिरी बार नही है। अब से 50 रूपए वाली बिरयानी हमेशा मिलेगी।
ऐसा कहते हुए दोनों भाई मिलकर गरीबों के लिए 50 वाली बिरियानी बेचते हैं और सब शौक से बिरियानी खाते हैं, लेकिन संकट का व्यापर बंद होने का आता है। अब उनके पास कोई नहीं जा रहा था। गरीब तो वैसे भी नहीं जाते हैं। अमीर लोगों का भी वहां पर जाना बंद हो गया। इस बात से गुस्से में संकट, अमित और सुमित को डरा कर उनका ₹50 वाली बिरियानी का व्यापार बंद करवाने के लिए आता है।
चुप – चाप ये अपने सस्ते बिरयानी वाली दुकान को बंद करा दो वरना मैं ऐसा कुछ करूंगा कि फिर कभी इस गांव में दिखाई नहीं दोगे। पहली बात अब ये गांव वाले सदियों से इस गांव में रहते हैं। चाहो तो तुम अपने गांव लौट जाओ और दूसरी बात तुम्हें तो कहा था ना कि तुम मेरी दुकान बंद करवा दोगे। इसीलिए मैं अपनी दुकान को बंद करके यह व्यापार शुरू किया है। अब ये बंद नही होगा।
ऐसे उन्हें धमकाने के लिए आये हुये संकट को दोनों भाई अपनी समझदारी से वापस भेज कर अपना काम जारी रखते हैं। ऐसे कुछ दिन गुजारने के बाद संकट को अमित और सुमित के पास आकर उसकी गलती के लिए माफी मांगते साथ मिलकर काम करने के लिए कहता है
तब अमित हमें साथ मिलकर काम करने में कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन काम वही होना चाहिए और खाने की क्वॉलिटी में भी कोई फर्क नही आना चाहिए। सब कुछ सारी बातें मान लेता है और सब अच्छे से मिलकर व्यापार करते हैं। बिमला के सिर पर एक बाल भी नहीं है। इसलिए ना वो किसी दावत में जाती है ना ही कभी घर के बाहर निकलती है। बिमला का पति कमल उसके इस बर्ताव से काफी परेशान होकर उसके लिए एक विग लेकर आता है।
कमला तुम हर रोज पिछले दिन से ज्यादा उदास लगती हो। मुझे। मैं तुम्हें ऐसा नहीं देख सकता हूं। इसीलिए मैं तुम्हारे लिए एक विग लेकर आया हूं। इससे तुम्हें अच्छा महसूस होता है तो पहन लो। अब मेरे लिए सोच रही हूं। मेरे लिए यही काफी है। जी मैं कोशिश करूंगी। इसे पहनने कि आप चिंता मत कीजिए। ऐसा कहते हुए एक दिन अच्छे से अपने सिर पर बीट लगाकर बाजार में निकलती है। बिमला।
उसे जितने भी लोग पहन जाते थे वो सब आपस में गूंज सुनकर रहे थे, लेकिन सीधे कोई नहीं कह रहा था। इस बात से बिमला बहुत अजीब महसूस कर रही थी। तभी वहां पर तेज हवा शुरू हो जाती है और उन हवाओं में बिमला का वेट उड़ जाता है। जैसे ही उसका वेट उड़ जाता है, सब उस पर हंसने लगते हैं। बिमला को ये बात बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता है।
और वो वहां से चली जाती है। पता नहीं लोगों को क्या मजा आता है। हम जैसों पर हंस कर कि बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है। ऐसा कहते हुए बिमला रोते हुए सो जाती है। सोने के बाद उसे नींद में सपना आता है। बिमला के सपने में एक परी आती है। उसकी कोई भी एक इच्छा पूरी करने के लिए। बताओ। बिमला क्या इच्छा है तुम्हारी। मैं तुम्हारी कोई भी इच्छा पूरी करूंगी।
जल्दी से बताओ मेरे पास वक्त नहीं है। मेरी एक वर्षीय परी मेरे भी लंबे घने और सुनहरे बालों। मुझे और कुछ नहीं चाहिए। वो परी सपने में बिमला को सोने के असली बाल देती है। सपना ख़त्म होने के बाद रोते हुए सोयी हुई बिमला हंसते हुए उठती है और अपने आप में ऐसा कहती है। इसके लिए तीन दिन मेरा दिमाग भी बच्चों जैसा हो रहा है। कैसे कैसे सपने आ रहा है। मुझे ऐसा कहते हुए आइने के सामने जाते ही विमला के सर पर सच में सोने के बाल थे।
बिमला को अपने पर विश्वास नहीं होता है इसलिए वो अपने सर से कुछ बाल खिंच कर देखती है। दर्द होने पर समझ आता है की वो असली बाल है और बाल सोने के है यह बात जानकर वह बहुत ख़ुश होती है। बिमला अच्छे से तैयार होकर बाजार में निकलती है।
बाज़ार में फिर से सब उसके ऊपर हंसने लगते है। लेकिन बिमला इस बार उन सब को ज़बाब देती है। काले बिग उड़ रहे है इसलिए सुनहरे बिग पहन कर उड़ रही हो बिमला हां हां हां हां।
आज नहीं तो कल हवा आएगी ना मैं अब ऐसे ही बहार निकलती रहूंगी। देखना इस बार मेरी जुल्फे उड़ती है या बिग ऐसे कहते हुए बिमला वहाँ से चली जाती है। और घर पहुँच कर अपने पति को साड़ी बात बताती है। कमल बिमला की बात सुनकर उसके कुछ बाल काट कर सुनार को दिखाता है।
सुनार वो बाल देख कर ये तो सोना है बिमला कमल थोड़े बाल बेचकर धनवान बन जाते है। बड़ा सा घर बड़ी सी गाडी सब कुछ बहुत अच्छे से चल रहा था। जैसे ही ये बात कालू चोर को पता चलती है वह बाल चुराने के लिए आता है यही सही मौका होगा बिमला अकेली होगी और नींद ले रही होगी। मैंजाकर उसके सारे सोने के बाल चुरा लेता हूँ।
ऐसे कह कर बिमला के सारे बाल काट कर चुरा कर भाग जाता है। लेकिन वो बाल चोर के हाथ में आते ही साधारण हो जाते है। इस बात से अनजान वेबकूफ कालू चोर बार – बार आता है और न जाने कितनी बार बाल काटता है। ऐसा कितनी बारे करने पर बिमला के बाल वैसे के वैसे ही रहते है।
कालू चोरी कर – कर के थक जाता है और बिमला के घर में ही सो जाता है। जब कमल घर आता है और चोर को उठा कर पूछता है की उसके घर में क्या कर रहा है तब वो चोर मुझे नहीं करनी है तुम्हारे घर में चोरी अब तक कई बार चुरा चूका तुम्हरी पत्नी के बाल मेरे हाथ में आते ही साधारण हो जाते है मम्मी।
ऐसे कहते हुए कालू चोर वहाँ से चला जाता है वो सब देख कर कमल और बिमला हँसने लगते है। उसके बाद पता चलता है की बिमला के शिवा और कोई उसके बाल इस्तेमाल नहीं कर सकते है।
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दोस्तों आपको Top 10 Moral Stories In Hindi बेस्ट मोरल स्टोरी इन हिंदी 100 BEST LIFE चैंजिंग Story ये पोस्ट कैसी लगी। हमें comment करके अपने विचार दे। हमें बहुत ख़ुशी होगी और आपका 1 कमेंट हमें लिखने को प्रोत्साहित करता और हमारा जोश बढ़ाता है। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ Share ज़रूर करें। जानकारी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करना न भूलें। आपके पास कोई लेख है तो आप हमें Send कर सकते है।
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